लंदन: ब्रिटेन की सरकार ने गुरुवार को पाकिस्तानी मूल की एक महिला अधिकार कार्यकर्ता सारा खान को एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें देश में उग्रवाद समाप्त करने और ब्रिटिश मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए गठित एक आयोग का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। 37 साल की सारा खान ‘कमिशन फॉर काउंटरिंग एक्स्ट्रीमिज्म’ की कमान संभालेंगी। पिछले साल मई में मैनचेस्टर एरिना में आयोजित एरियाना ग्रांड कंसर्ट में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर इस आयोग का गठन किया गया था। इस हमले में 23 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हो गए थे।
ब्रिटेन के गृह मंत्री ए. रड ने कहा, ‘आयोग सभी तरह के उग्रवाद की समस्या पर रोक लगाने के काम में इस सरकार का अहम हिस्सा बनेगा और सारा खान इस महत्वपूर्ण काम की अगुवाई के लिए विशेषज्ञता प्राप्त हैं।’ सारा खान खुद को जन्मजात मानवाधिकार कार्यकर्ता बताती हैं। उन्होंने ब्रिटेन के मुस्लिम समुदाय के बीच महिला अधिकारों के लिए 20 साल से ज्यादा वक्त तक काम किया है। पाकिस्तानी मूल की सारा का जन्म ब्रैडफर्ड में हुआ था और उन्होंने एक अस्पताल में फार्मासिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू किया था।
हालांकि सारा को यह अहम जिम्मेदारी दिए जाने के बाद ब्रिटेन में विवाद भी शुरू हो गया है। ब्रिटिश मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग उनपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सारा के विरोधियों का कहना है कि वह पूर्व में सरकार के अतिवाद विरोधी कार्यक्रमों का समर्थन करती रही हैं और यही वजह है कि उन्हें इस जिम्मेदारी से नवाजा गया है।
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