जिनेवा: भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद से ही पूरी दुनिया पाकिस्तान की बौखलाहट देख रही है। पाकिस्तान ने इस मुद्दे को कई बार अंतरराष्ट्रीय पटल पर उठाने की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे और उसके कुछ सहयोगी देशों को मुंह की खानी पड़ी। दुनिया के लगभग हर देश ने भारत सरकार के फैसले को उसका आंतरिक मामला बताकर पाकिस्तान की बौखलाहट को और बढ़ा दिया। अब यूरोपियन कमीशन के पूर्व निदेशक ब्रायन टोल ने भी भारत के पक्ष में बड़ा बयान दिया है।
टोल ने कहा, कश्मीर के लोगों को मिलेंगे मौके
यूरोपीय आयोग के पूर्व निदेशक ब्रायन टोल ने जिनेवा में अनुच्छेद 370 पर भारत का समर्थन करते हुए कहा कि इसे कश्मीर के लोगों को आर्थिक मौके देने के लिए हटाया गया है। जहां तक बात इस कदम की वजह से गिलगित-बल्टिस्तान के प्रभावित होने की है, तो वह भी तकनीकी रूप से भारत का ही हिस्सा है। टोल का यह बयान निश्चित तौर पर पाकिस्तान को रास नहीं आएगा। हालांकि टोल सिर्फ यहीं नहीं रुके और उन्होंने चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पर भी अपनी बात रखी।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर यह बोले टोल ब्रायन टोल ने आगे कहा कि कश्मीर एक ऐसा इलाका है जहां पर आर्थिक विकास के अवसरों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को असरदार राजनीतिक निकायों में प्रतिनिधित्व करने की आवश्यकता है। टोल ने कहा कि इस क्षेत्र में आर्थिक मजबूती के लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों के हित के लिए होना चाहिए।’ टोल के इस बयान को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को इशारों में यह जता दिया है कि जिस PoK पर वह अपना दावा करता है वह भारत का हिस्सा है।
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