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Hindi News विदेश यूरोप 60 साल बाद किताब लौटाने पर भी लाइब्रेरी ने क्यों नहीं लगाया जुर्माना, जानिए

60 साल बाद किताब लौटाने पर भी लाइब्रेरी ने क्यों नहीं लगाया जुर्माना, जानिए

इप्सन कम्युनिटी की लाइब्रेरी ने फेसबुक पर किताब की एक तस्वीर डाली है जिसमें चेकआउट स्लिप भी लगाया गया है। इस स्लिप पर 17 दिसंबर 1948 की डेट लिखी गई है।

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न्यूजीलैंड: आमतौर पर हमने देखा है कि लाइब्रेरी में किताब तय दिन के बाद देने से उस पर जुर्माना लगता है। लेकिन न्यूजीलैंड में कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां पर एक महिला ने लाइब्रेरी से 60 साल पहले किताब खरीदी थी। जिसे उसने अब वापिस किया है। महिला ने इस किताब को इप्सन कम्युनिटी की लाइब्रेरी से ईशु करवाया था।

इप्सन कम्युनिटी की लाइब्रेरी ने फेसबुक पर किताब की एक तस्वीर डाली है जिसमें चेकआउट स्लिप भी लगाया गया है। इस स्लिप पर 17 दिसंबर 1948 की डेट लिखी गई है।

इसके साथ एक पोस्ट भी किया गया था कि आज एक कस्टमर आई जिसने बचपन में जब वह ऑकलैंड में रहती थी तब एक किताब ली थी। किताब को एक बेहतर हालात में लौटाया गया है। यहां के लाइब्रेरियन ने बताया कि उस महिला से कोई भी लेट फीस नहीं ली गई है। क्योंकि उस समय बच्चों को लेट फीस नहीं देनी होती थी।

कार्नेलियस ने कहा कि महिला थोड़ा शर्मिंदा दिख रही थी। लेकिन में खुश था क्योंकि उसने इस किताब को कई बार पढ़ा और लौटाने के लिए रखा हुआ था। इस एक बात से ही मुझे खुशी है कि यह किताब 60 साल तक एक अच्छे पाठक के पास थी। अगर ऑकलैंड की अभी की पॉलिसी की बात की जाए तो इस वक्त पाठक पर करीब 17 हजार डॉलर का जुर्माना लगता।  

 

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