जिनेवा: दुनिया के सामने पाकिस्तान का बदरंग चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में चल रही युनाइटेड नेशन मानवाधिकार कॉन्फ्रेंस के सत्र में इंस्टटिट्यूट ऑफ गिलगित बालटिस्तान के डायरेक्टर सेंगे सेरिंग ने पाकिस्तान के अत्याचारों की कहानी बताई है। उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों पर पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकियों का खतरा मंडरा रहा है। सेंगे सेरिंग ने भारत से आग्रह किया है कि वह गिलगित बाल्टिस्तान पर अपने संवैधानिक कब्जे को हासिल करे।
‘गिलगित बाल्टिस्तान पर पाक कर रहा अत्याचार’
सेरिंग ने जिनेवा में मानवाधिकार सत्र की बैठक के दौरान कहा कि गिलगित बालटिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान अत्याचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि नागरिकों का अपहरण और नरसंहार हो रहा है इसलिए भारत को इस इलाके को अपने कब्ज़े में ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘गिलगित बाल्टिस्तान के नागरिक लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा होने के नाते संवैधानिक तौर पर भारत के नागरिक हैं। उनके ऊपर पाकिस्तानी सेना और उनके आतंकियों का खतरा मंडरा रहा है। जो यहां अपने संसाधनों की रक्षा कर रहे हैं, उनका या तो अपहरण कर लिया जाता है या फिर उन्हें मार दिया जाता है।’
‘गिलगित बाल्टिस्तान को अपने कब्जे में ले भारत’ सेरिंग ने कहा, ‘हाल ही में तालिबान समर्थक पाकिस्तानी नागरिकों को गिलगित बाल्टिस्तान में रह रहे शियाओं को मारने के लिए बुलाया गया। सत्तर साल पहले संयुक्त राष्ट्र की सिक्यॉरिटी काउंसिल ने भारत को जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की रक्षा के लिए सेना भेजने को कहा था। आज गिलगित बाल्टिस्तान और जम्मू कश्मीर का नागरिक होने के नाते मैं भारत सरकार से प्रार्थना करता हूं कि भारत अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए गिलगित बाल्टिस्तान को अपने नियंत्रण में ले जिससे कि हमें पाकिस्तान के अत्याचारों से बचाया जा सके।’
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