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22 देशों ने चीन से की मुसलमानों की नजरबंदी को खत्म करने की गुजारिश

मानवाधिकार समूहों और अमेरिका का अनुमान है कि शिनजियांग में करीब 10 लाख मुसलमानों को शायद मनमाने तरीके से नजरबंद किया गया है।

22 countries unite at UN to condemn China’s mass detention of one million Muslims for first time | A- India TV Hindi 22 countries unite at UN to condemn China’s mass detention of one million Muslims for first time | AP File

जिनेवा: मानवाधिकार निगरानी संस्था (ह्यूमन राइट्स वाच) का कहना है कि 22 पश्चिमी देशों ने एक बयान जारी कर चीन से अपने यहां मुसलमानों की नजरबंदी को खत्म करने की अपील की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन देशों ने चीन से अनुरोध किया है कि वह शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर मनमाने तरीके से हुई नजरबंदी और अन्य उल्लंघनों को खत्म करे। इन देशों में फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान जैसे देश भी शामिल हैं।

10 लाख मुसलमानों को चीन ने किया है नजरबंद
वकालती समूह ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार परिषद में इस ‘महत्वपूर्ण’ बयान की सराहना की, जो शिनजियांग में चीन की नीतियों के बारे में चिंता व्यक्त करने की दिशा में एक सांकेतिक कदम है। मानवाधिकार समूहों और अमेरिका का अनुमान है कि शिनजियांग में करीब 10 लाख मुसलमानों को शायद मनमाने तरीके से नजरबंद किया गया है। हालांकि, चीन हिरासत केंद्रों में इस तरह के मानवाधिकार उल्लंघनों से इनकार करता है और इन्हें चरमपंथ से लड़ने तथा रोजगार योग्य कौशल सिखाने के उद्देश्य वाले प्रशिक्षण स्कूल बताता है।

‘मुसलमानों के भले के लिए किया है ये सब’
चीन इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में शिंजियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों को विवादित रूप से कथित हिरासत में रखने का बचाव कर चुका है। उसका कहना है कि वे व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र हैं जिनका निर्माण छोटे अपराध करने वालों और धार्मिक कट्टरता से प्रभावित लोगों को शिक्षित कर उन्हें 'आतंकवाद और चरमपंथ का पीड़ित' बनने से रोकने के लिए किया गया है। चीन ने तब कहा था कि इन केंद्रों का निर्माण होने के बाद यहां आतंकवादी हमले का एक भी मामला नहीं हुआ है।

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