बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान का राष्ट्रपति चुने जाने पर आसिफ अली जरदारी को रविवार को बधाई देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच ‘‘फौलाद जैसी मित्रता इतिहास की पसंद’’ है और विश्व में मौजूदा बदलाव के मद्देनजर इन संबंधों का ‘‘रणनीतिक महत्व और बढ़’’ गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी शनिवार को देश के 14वें राष्ट्रपति चुने गए और वह दूसरी बार इस पद पर पहुंचने वाले पहले असैन्य व्यक्ति हैं। इससे पहले, वह 2008 से 2013 तक इस पद रहे थे। जरदारी(68) पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के संयुक्त उम्मीदवार थे।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, शी ने जरदारी को भेजे अपने संदेश में कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान अच्छे पड़ोसी, अच्छे दोस्त, अच्छे साझेदार और अच्छे भाई हैं। दोनों देशों की फौलाद जैसी दोस्ती इतिहास की पसंद और दोनों के लिए एक अनमोल खजाना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों ने हाल के वर्षों में करीबी उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखा है, अपने मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के निर्माण में सार्थक परिणाम प्राप्त किए हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है।
भारत-चीन के रिश्ते कई मुद्दों पर हैं तनावपूर्ण
’’ भारत ने चीन के शिनजियांग को बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाले 60 अरब अमेरिकी डॉलर के सीपीईसी को लेकर आपत्ति जताई है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है। शी ने अपने संदेश में कहा कि चूंकि दुनिया तेजी से हो रहे ऐसे परिवर्तनों से गुजर रही है, जो पहले कभी नहीं देखे गए, ऐसे में चीन-पाकिस्तान संबंधों का रणनीतिक महत्व और अधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि वह चीन-पाकिस्तान संबंधों के विकास का बहुत सम्मान करते हैं और चीन एवं पाकिस्तान के बीच पारंपरिक दोस्ती को और मजबूत करने, विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने, चीन एवं पाकिस्तान के बीच सर्वकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा नए युग में साझा भविष्य के साथ और भी घनिष्ठ संबंधों वाले चीन-पाकिस्तान समुदाय के निर्माण को तेज करने की दिशा में जरदारी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
पीएम शहबाज को भी जिनपिंग ने दी थी बधाई
इससे पहले, शी ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी थी। पाकिस्तान में अव्यवस्था एवं गंभीर आर्थिक संकट के बीच पीएमएल-एन, और पीपीपी की सत्ता में वापसी को चीन राहत के रूप में देख रहा है। इन तीनों के चीनी नेताओं के साथ निकट संबंध रहे हैं और चीन के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने को व्यापक रूप से भारत के खिलाफ रणनीतिक गठबंधन के रूप में देखा जाता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के साथ चीन के संबंध असहज रहे थे जिसे सीपीईसी की धीमी गति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। (भाषा)
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