सिर्फ 60 लाख की आबादी वाला देश "पापुआ न्यू गिनी" क्यों भारत के लिए है महत्वपूर्ण, जहां के दौरे पर गए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) देशों के शिखर सम्मेलन के लिए जापान की यात्रा के बाद तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण के तहत रविवार को पापुआ न्यू गिनी रवाना हो गए। मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जो पापुआ न्यू गिनी की यात्रा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) देशों के शिखर सम्मेलन के लिए जापान की यात्रा के बाद तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण के तहत रविवार को पापुआ न्यू गिनी रवाना हो गए। मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जो पापुआ न्यू गिनी की यात्रा कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस देश की जनसंख्या सिर्फ 60 लाख है। यहां की सिर्फ 18 फीसदी आबादी ही शहरवासी है। बाकी लोग गांवों में ही रहते हैं। इसके बावजूद भारत के लिए यह देश क्यों महत्वपूर्ण है, यह आपको आगे बताएंगे। पापुआ न्यू गिनी रवाना होने के बाद विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि, ‘‘जापान की सफल यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत पापुआ न्यू गिनी जाने के लिए विमान में सवार हो गए हैं।
मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘जापान की यात्रा सार्थक रही। जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कई नेताओं से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री किशिदा, जापान सरकार और उसके लोगों का इस गर्मजोशी के लिए आभारी हूं।’’ अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान जी7 के सदस्य देश हैं। यह समूह दुनिया के सबसे अमीर लोकतांत्रिक देशों का प्रतिनिधित्व करता है। जापान ने अपनी अध्यक्षता में भारत और सात अन्य देशों को इस सम्मेलन में अतिथियों के तौर पर आमंत्रित किया था। मोदी ने जापान में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की। मोदी जापान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए। यह क्वाड का तीसरा ऐसा शिखर सम्मेलन है, जिसमें नेताओं ने आमने-सामने की मुलाकात की।
2024 में क्वाड बैठक इंडिया में करने का प्रस्ताव
मोदी ने 2024 में क्वाड नेताओं का अगला शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किए जाने का प्रस्ताव भी रखा। प्रधानमंत्री रविवार को पापुआ न्यू गिनी के मोरेस्बी पहुंचेंगे। वहां वह पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ ‘फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन’ (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे। खास बात है कि पापुआ न्यू गिनी दुनिया का तीसरा बड़ा द्विपीय देश है। यहां के लोग चीन के लोगों से नफरत करते हैं। चीनी कंपनियों के आधिपत्य जमाने के चलते यहां दंगे भी हो चुके हैं। ऐसे में यह देश भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। पापुआ न्यू गिनी के बाद अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में मोदी 22 मई से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे। मोदी 24 मई को आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह सिडनी में एक सामुदायिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत करेंगे तथा भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित भी करेंगे।