श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना को ईस्टर सीरियल ब्लास्ट मामले में पीड़ितों के परिजनों को जुर्माना देना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सिरिसेना ने पहली किश्त के तौर पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना दिया है। दरअसल श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना को वर्ष 2019 में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार धमाकों के पीड़ितों के लिए हर्जाना देने का आदेश सुनाया था। पूर्व राष्ट्रपति ने कोर्ट द्वारा तय समय सीमा के पहले ही हर्जाने की पहली किस्त के तौर पर 1.5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का भुगतान कर दिया है।
मीडिया में बुधवार को आई खबरों में यह जानकारी दी गई है। श्रीलंका के शीर्ष न्यायालय ने इस साल जनवरी में 71 वर्षीय सिरिसेना को आदेश दिया था कि उन्होंने हमले की पहले से विश्वसनीय सूचना होने के बावजूद, देश के सबसे बड़े आतंकवादी हमले को रोकने में लापरवाही की और इसलिए वह पीड़ितों को 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये बतौर मुआवजा दें। श्रीलंका में आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलवारों ने जब हमला किया था तब सिरिसेना देश के राष्ट्रपति और रक्षामंत्री थे।
21 अप्रैल 2019 में आतंकियों ने किया था हमला
आतंकवादियों ने 21 अप्रैल 2019 को तीन कैथोलिक गिरिजाघरों और इतनी ही संख्या में लग्जरी होटल को निशाना बनाया था जिसमें 11 भारतीयों सहित करीब 270 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हुए थे। अदालत ने सिरिसेना को 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसी के साथ पूर्व पुलिस प्रमुख पुजित जयसुन्दरा और राज्य खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख निलंथा जयवर्धने को 7.5-7.5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये और पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो को पांच करोड़ श्रीलंकाई रुपये का हर्जाना देने को कहा गया था। कोलंबो गजेट समाचार पोर्टल की खबर के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने 12 जुलाई तक हर्जाना भरने को कहा था और सिरिसेना ने 28 जून को 1.5 करोड़ रुपये जमा किए। उन्होंने साथ ही अर्जी देकर शेष राशि 85 लाख-85 लाख श्रीलंकाई रुपये की 10 किस्तों में 30 जून 2024 से 20 जून 2033 के बीच भरने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। (भाषा )
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