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पुतिन से विद्रोह के बाद प्रिगोझिन ने क्यों ढूंढ़ा गुप्त ठिकाना, अब क्या होगा वैगनर चीफ का भविष्य?

राष्ट्रपति पुतिन से बगावत के बाद अब वैगनर ग्रुप और उसके चीफ येवगिनी प्रिगोझिन का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। भले ही क्रेमलिन ने वैगनर सेना और प्रिगोझिन पर अभियोग नहीं चलाने का फैसला किया है, लेकिन जाहिर है कि पुतिन के साथ बगावत के बाद अब प्रिगोझिन की रूस में राह आसान नहीं होगी। अब उन्हें देश से निकाला जा सकता है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन और वैगनर चीफ येवगिनी प्रिगोझिन- India TV Hindi Image Source : FILE रूसी राष्ट्रपति पुतिन और वैगनर चीफ येवगिनी प्रिगोझिन

राष्ट्रपति पुतिन से सशस्त्र विद्रोह छेड़ने के बाद रूस के निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर’ के नेता यावगेनी प्रीगोझिन किसी गुप्त ठिकाने पर चले गए हैं। क्रेमलिन ने भले ही उन पर और उनकी सेना पर से राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लेने व जांच को बंद करने का आह्वान कर दिया है, मगर अब क्या येवगिनी को रूस में रहने दिया जाएगा। अब येवगिनी प्रिगोझिन का पुतिन से विद्रोह के बाद भविष्य क्या होगा। क्या येवगिनी प्रिगोझिन को पुतिन राष्ट्रद्रोह के अलावा किसी दूसरे तरह का दंड देंगे और उन्हें देश से निष्काषित करेंगे। क्या बेलारूस प्रिगोझिन का अगला ठिकाना होगा। यह रहस्य अभी तक बरकरार है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर गत सप्ताहांत के निष्फल विद्रोह के ‘आयोजकों’ के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्हें गद्दार करार दिया था और कहा कि ये विश्वासघाती लोग यूक्रेनी सरकार और इसके सहयोगियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। क्रेमलिन ने कहा है कि 62 वर्षीय प्रिगोझिन को निर्वासन में बेलारूस भेजा जाएगा, लेकिन इसकी पुष्टि ना तो उन्होंने और न ही बेलारूस की सरकार ने की है। बेलारूस की एक स्वतंत्र सैन्य निगिरानी परियोजना ‘बेलारुस्की हाजुन’ की ओर से कहा गया है कि प्रिगोझिन जिस विमान का इस्तेमाल करते हैं, वह कथित तौर पर मंगलवार की सुबह मिंस्क के पास उतरता दिखा।

बेलारूस को पुतिन ने सराहा

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकासेंको के कहने पर ही प्रिगोझिन ने मास्को से वापसी का फैसला कर लिया। अलेक्जेंडर पुतिन के गहरे मित्रों में हैं और उन्होंने संकट में फंसे दोस्त को उससे बाहर निकाल लिया। इस बात के लिए पुतिन बेलारूस और अलेक्जेंडर की तारीफ कर चुके हैं। सप्ताहांत के दौरान प्रिगोझिन की छोटी अवधि की बगावत ने रूसी नेतृत्व को झकझोर कर रख दिया और इसे पुतिन के दो दशक से अधिक लंबे शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया। पुतिन ने सोमवार की रात टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित अपने संदेश में स्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास किया और प्रिगोझिन का नाम लिये बगैर बगावत के ‘आयोजकों’ की आलोचना की। उन्होंने संकट की इस बेला पर रूस की एकता की सराहना करने के साथ ही वैग्नर समूह के निजी लड़ाकों की भी तारीफ की।

प्रिगोझिन के साथ उनकी सेना का भविष्य भी अधर में

 प्रिगोझिन ने एक बगावती ऑडियो बयान जारी करके अपने कृत्य का समर्थन किया और उन्होंने एक बार फिर रूसी सेना पर तंज कसा। हालांकि, प्रिगोझिन ने साफ कर दिया कि वह पुतिन के खिलाफ विद्रोह नहीं चाहते। प्रिगोझिन के भाग्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। क्रेमलिन ने बगावत को बढ़ावा देने के आरोप में उनके खिलाफ आपराधिक अभियोग नहीं चलाने का वादा किया है, लेकिन रूसी मीडिया ने सोमवार को अपनी खबर में बताया कि यह मामला बंद नहीं किया गया है। यह भी नहीं स्पष्ट है कि क्या प्रिगोझिन अपनी निजी सेना को बरकरार रखने में समर्थ होंगे। अपने संबोधन में पुतिन ने प्रिगोझिन के लड़ाकों को रूसी रक्षा मंत्रालय की कमान के तहत आने, सेना छोड़ने या फिर बेलारूस जाने का प्रस्ताव दिया है। (भाषा)

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