America-Pakistan: पाकिस्तान में आतंकवाद का खतरा किस कदर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को पाकिस्तान जाने पर दोबारा सोच लेने का परामर्श दिया है। अमेरिका ने भी मान लिया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं इतनी हावी हैं कि वहां रहना दुनिया के लोगों के लिए मुनासिब नहीं है। यही कारण है कि अमेरिका ने अपने नागरिकों से पाकिस्तान न जाने की सलाह नहीं दी है। उधर पाकिस्तान अमेरिका से अपने रिश्तों को लेकर डैमेज कंट्रोल में जुट गया है। हाल ही में शहबाज शरीफ की अमेरिका से मुलाकात के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को लेकर अपना मंतव्य बदल दिया है। अब अमेरिका पाकिस्तान को मदद दे रहा है। जानिए 4 अहम कारण, जो बताते हैं कि क्यों अमेरिका अब पाकिस्तन पर मेहरबान होने लगा है।
अमेरिका से अपने रिश्ते सुधारना चाह रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान इमरान खान की सरकार में खराब हुए अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को फिर से ठीक करना चाह रहा है। शहबाज शरीफ की जो बाइडन से मुलाकात के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों का अमेरिकी अफसरों से मिलने का सिलसिला चल पड़ा है। अमेरिका भी चाहता है कि चीन के खेमे में बैठे पाकिस्तान को यदि थोड़ी मदद कर दी जाए, तो हमारे हिसाब से भी उसे चलना होगा और चीन के विरुद्ध उस पर दबाव बनाया जा सकेगा।
अमेरिका ने पाक में आई बाढ़ बहाने दी मदद
अमेरिका हाल के समय में पाकिस्तान पर मेहरबान होता दिख रहा है। भारत के विरोध के बावजूद वह पाकिस्तान को सैन्य मदद करने से भी बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान में पिछले दिनों आई बाढ़ के बहाने अमेरिका ने पाकिस्तान को दिल खोलकर मदद दी। मदद देना गलत नहीं है, लेकिन मंशा भी ठीक होना चाहिए। अमेरिका जानता है कि इस मदद का उपयोग पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ाने में भी कर सकता है। मदद का हिसाब अमेरिका नहीं लेता है।
एफ-16 विमान के बहाने अमेरिका की खुली पोल
अमेरिका ने हाल ही में एफ 16 विमान की मरम्मत के लिए पाकिस्तान को मदद की थी। इस पर भार ने ऐतराज जताया था। तब अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तर्क दिया था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए कौनसे एफ 16 विमानों की जरूरत पड़ती है। भारतीय विदेश मंत्री ने भी तब अमेरिका को नसीहत दे डाली थी।
रूस के करीब जाने पर भारत से चिढ़ता है अमेरिका
भारत के रूस को यूएनएससी में समर्थन करने और रूस से सस्ते तेल के आयात पर अमेरिका ने भारत को चेताया भी था। तब भारत ने अमेरिका को दो टूक जवाब दे दिया था। यही कारण है कि अब उकसावे के लिए वह पाकिस्तान को मदद देकर भारत को अपनी ही तरह से 'मैसेज' देना चाहता है।
अमेरिका के बारे में अब सच लगने लगी हैं इमरान की बातें
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने सत्ता से उतरते समय यही कहा था कि अमेरिका के कहने पर ही उनकी सरकार गिराई गई है। अब उनकी बातें सच लगने लगी हैं। क्योंकि शहबाज सरकार पर अमेरिका मेहरबान होने लगा है। इससे इमरान की उन बातों को निश्चित रूप से बल मिलता है कि जब उन्होंने कहा था कि अमेरिका के इशारे पर शहबाज एंड कंपनी ने उनकी सरकार को गिराने का कारनामा किया है।
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