Hiroshima Day: जापान में शनिवार को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की 77वीं वर्षगांठ मनाई गई। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 8.15 बजे मौन रखा गया, ठीक उसी समय जब 6 अगस्त, 1945 को शहर के ऊपर अमेरिका ने यूरेनियम बम(Atom Bomb)गिराया था, जिसमें लगभग 140,000 लोग मारे गए और लाखों लोग रेडिएशन के संपर्क में आ गए थे। पीस मेमोरियल पार्क में आयोजित एक स्मारक समारोह में, हिरोशिमा के मेयर काजुमी मात्सुई ने शांति घोषणा में आगाह किया कि दुनिया में परमाणु पर निर्भरता बढ़ रही है। आगे उन्होंने कहा कि "हमें तुरंत सभी परमाणु बमों को नष्ट कर देना चाहिए।" जपान इस भयावह दिन को आज भी नही भूला है। नागासाकी और हिरोशिमा के लोग इस बंम बारी से पीड़ित है।
आखिर बम क्यों गिराया गया
6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जपान के दो बड़े शहर नागासाकी और हिरोशिमा पर बम गिराया था। इस बम की ताकत इतनी ताकत थी कि दोनों शहरों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। हर जगह सिर्फ लाशे ही लाशे बिछी दिख रही थी। बड़ी इमारते जमीदोंज हो गई थी। लाखों की संख्या में घायल लोग हो गए थे जिन्हें बचाया जा सकता था लेकिन अस्पताल होता तो बचा लिया जाता। इस बम बारी में अस्पताल भी खत्म हो गए थे। दिन में ऐसा लग रहा था कि मानों कोई हॉलीवूड मूवी का सेट हो। आज हालात बदल गए लेकिन उस बम बारी का दंश कई सालों तक दोनों शहरों ने झेला था। अब आपका समय ना लेते हुए आपको बता दें कि दूसरे विश्वयूद्ध के दौरान ये घटना घटी थी। दूसरा विश्व यूद्ध आखिरी मोड़ पर था जपान लगभग हार ही चुका था लेकिन अब तक सरेंडर नहीं बोला था। अमेरिका बार-बार जपान को एटम बम दागने के लिए चेतावनी दे रहा था। वही आपको बता दें कि 1944 से लेकर 1945 तक अमेरिकी हवाई हमले में 3,33000 जपानी नागरिक मारे गए थे। अमेरिका जपान पर दवाब बना रहा था कि जल्द ही जपान सरेंडर कर दें लेकिन जपान को भनक नहीं था कि अमेरिका ऐसा कदम उठाएगा। अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जपान के दो बड़े शहरों पर बम गिरा दिया। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति ने ट्रूमन ने ये फैसला लिया था। ऐसा कहा जाता है कि जब जपान ने सरेंडर करने से मना कर दिया था तो उनके सहयोगी ने सलाह दिया की एक्शन अब होनी चाहिए।
इन दोनों शहरों अमेरिका ने क्यों चुना था।
अमेरिका ने बम गिराने पहले जपान के शहरों पर काफी रिसर्च किया था। अमेरिका ने दो बड़े शहर नागासाकी और हिरोशिमा का चयन किया। आपको बता दें कि जपान इन दोनों शहरों में सैन्य से जुड़े सामानों का प्रोडक्शन करता था। और ये दोनों शहर जपान के संस्कृति का अहम हिस्सा था। अमेरिका ने बम गिराने से पहले कोई चेतावनी नहीं दिया था। इस बड़ी सी आबादी वाले शहर को चेतावनी देने के लिए सोचता तो उस अपने पायलट को खतरे में डालना पड़ता। जपान को भनक लग जाता और उसके जहाजों को मार गिराता। ऐसे में अमेरिका ने 6 अगस्त को दोनों शहरों बम गिरा दिया।
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