पाकिस्तान में कौन बनेगा प्रधानमंत्री, किस पार्टी को आएगा सरकार बनाने का बुलावा? यहां जानें समीकरण
पाकिस्तान में चुनावी नतीजों के साथ ही जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि कोई भी पार्टी अपने बूते पर सरकार नहीं बना सकती है। न तो इमरान की पार्टी न बिलावल और न ही नवाज की पार्टी। ऐसे में सरकार बनाने के लिए किसे बुलावा आता है। इस पर पेंच फंस गया है।
Pakistan Politics : पाकिस्तान के चुनाव दुनिया ने देखे। किस तरह देरी, अनियमितताएं हुई हैं, इसे भी दुनिया ने देखा। खुद ब्रिटेन, अमेरिका और युनाइटेड नेशन ने पाकिस्तान में हुए चुनाव अनियमितता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाए हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने इन आरोपों को नकार दिया। इसी बीच पाकिस्तान में चुनावी नतीजों के साथ ही जोड़तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गई है। पाकिस्तान में इमरान समर्थित प्रत्याशियों की बड़ी जीत हुई है। ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 101 है। वहीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल—एन 75 सीटों पर जीत हासिल कर सकी है। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बिलावल भुट्टो की 'पीपीपी' रही है। पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 133 सीटों की जरूरत है। ऐसे में गठबंधन की राजनीति शुरू हो गई है। बिलावल और नवाज की पार्टी में गठबंधन की कवायदें चल रही हैं। ऐसे में किस पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह सबसे बड़ा सवाल है।
किसे आएगा सरकार बनाने का बुलावा?
पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन टेक्नीकली नवाज शरीफ की पार्टी सबसे बड़ी है। क्योंकि वह एक चुनाव चिह्न पर इलेक्शन लड़ी है। वहीं इमरान खान की पार्टी ने जो 'बल्ला' चुनाव चिह्न मांगा था, वो रद्द कर दिया। इस लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी पीएमएल—एन नवाज की पार्टी बन गई है। क्योंकि एक पार्टी के रूप में उनके 75 प्रत्याशी जीते हैं। वहीं इमरान समर्थित प्रत्याशी अलग अलग चुनाव चिह्नों पर जीते हैं। ऐसे में नवाज शरीफ का दावा मजबूत होता दिख रहा है।
शहबाज ने की आसिफ अली जरदारी से मुलाकात
इसी बीच नवाज शरीफ ने सभी पार्टियों से चर्चा कर गठबंधन बनाने के लिए अपने भाई और पूर्व पीएम शहबाज शरीफ को जिम्मा सौंपा है। शहबाज शरीफ ने बिलावल की पार्टी से चर्चा की और गठबंधन के साथ सरकार चलाने की बात कही। लेकिन बिलावल की पार्टी पीपीपी के नेता शेरी रहमान ने कहा कि सभी दलों के लिए दरवाजे खुले हैं। इसी बीच शनिवार को शहबाज ने बिलावल और आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की। हालांकि इस दौरान जरदारी ने शहबाज से दो टूक कहा कि 'अगर गठबंधन हुआ तो बिलावल को प्रधानमंत्री बनाया जाए। पीपीपी ने यह भी कहा कि यदि पीएम पद न मिला तो विपक्ष में बैठना बेहतर है।
नवाज के लिए कहां फंसा है पेंच?
ऐसे में यह पेंच फंस गया है कि यदि बिलावल की पार्टी ने समर्थन न दिया और विपक्ष में बैठने का फैसला कर लिया तो नवाज शरीफ की सरकार कैसे बनेगी? ऐसे में चर्चा यह भी है कि नवाज शरीफ की पार्टी आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति पद का आफर कर सकती है। ऐसा हुआ तो नवाज शरीफ प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बन सकते हैं।
इमरान खान को रिहा करने की मांग तेज
उधर, जोड़तोड़ की राजनीति के बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई के अध्यक्ष गौहर खान ने आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से मांग की है कि वे इमरान समेत पीटीआई के सभी राजनीति कैदियों को रिहा करें। पीटीआई ने धांधली के आरोप में रविवार को प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इमरान समर्थित लोगों ने इस चुनाव को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी दायर की हैं। ज्यादातर याचिकाएं लाहौर हाईकोर्ट में दायर की गई हैं।