WHO Accuses China: दुनियाभर में कोरोना वायरस ने खूब तबाही मचाई। इस वायरस के कारण लाखों लोगों की मौत हो गई और कई लोग अन्य कई तरह की समस्याओं का अब सामना करते हैं। साल 2020 में कोविड 19 ने दस्तक दी थी। चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को लताड़ लगाई है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारियों को वैज्ञानिक अनुसंधान रोकने के लिए फटकार लगाई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इससे हमें कोरोना वायरस के पैदा होने के कारकों का पता चल सकता था।
रैकून से हुई कोरोना की शुरुआत
17 मार्च के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीनी अधिकारियों से पूछा कि तीन सालपहले डेटा खुलासा क्यों नहीं किया गया। इससे पहले की डेटा इंटरनेट स्पेस में गायब हो जाता। वायरस विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा डेटा को डाउनलोड कर इसपर रिसर्च व विश्लेषण किया जा रहा है। संगठन ने कहा कि इस डेटा की जांच से पता चला है कि कोरोना महामारी अवैध रूप से रैकून कुत्तों से शुरू हुई थी। इसी वायरस से वुहान में संक्रमण फैला था।
इस जानवर के डीएनए से मैच करता है वायरस
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर डॉ. टेड्रोस अदनोम ने कहा कि चीन को तीन साल पहले गायब किए गए सबूत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ शेयर किया जाना चाहिए। क्योंकि यह बहुत जरूरी है कि दुनिया के सामने सच आए। उन्होंने कहा कि रिसर्च से पता चला है कि कोरोना वायरस के फैलने के पीछे कारण लोमड़ी जैसा दिखने वाला जानवर रैकून है। क्योंकि वायरस का डीएनए रैकून के डीएनए से मेल खा रहा है। यही वायरस चीन के वुहान सीफूड मार्केट में मिला।
चीन पर आरोप
बता दें कि जब से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला था इसके बाद से लगातार दुनिया के कई देशों द्वारा चीन पर आरोप लगाया जा रहा था कि चीन द्वारा जानबूझकर इस वायरस को फैलाया गया है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह तक कहा गया कि चीनी लैब में इस वायरस को तैयार किया गया है ताकि दुनिया में तबाही मचाई जा सके।
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