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Hindi News विदेश एशिया जानें कौन हैं प्रबोवो सुबियांतो, जो दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश के बने 8वें राष्ट्रपति

जानें कौन हैं प्रबोवो सुबियांतो, जो दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश के बने 8वें राष्ट्रपति

दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश की सत्ता में बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन देखा जा रहा है। इंडोनेशिया के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे जोको विडोडो को प्रबोवो सुबियांतो के सामने हार का सामना करना पड़ा है। अब प्रबोवो इंडोनेशिया के नए राष्ट्रपति बन गए हैं।

 प्रबोवो सुबियांतो, इंडोनेशिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति। - India TV Hindi Image Source : AP प्रबोवो सुबियांतो, इंडोनेशिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति।

जकार्ता: प्रबोवो सुबियांतो ने विश्व के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में 40 से अधिक देशों के मुखिया और प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रबोवो ने आज रविवार को इंडोनेशिया के आठवें राष्ट्रपति के रूप में अपना पद भार संभाल लिया है। वह इंडोनेशिया के पूर्व रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। प्रबोवो सुबियांतो (73) ने देश के सांसदों और अन्य देशों से आमंत्रित किए गए गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष मस्लिमों के पवित्र धर्म ग्रंथ ‘कुरान’ पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली, जिसके बाद सड़कों पर मौजूद हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया।

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में उनके शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। इसमें 40 से अधिक देशों के नेता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। प्रबोवो के शपथ समारोह में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, रूस, दक्षिण कोरिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश सम्मिलित हैं। सुबियांतो लंबे समय से बेहद लोकप्रिय राष्ट्रपति जोको विडोडो के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और उन्होंने दो बार उनके खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा है, लेकिन साल 2014 और 2019 में दोनों ही मौकों पर जोको विडोडो ने अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, विडोडो ने पुन: राष्ट्रपति बनने के बाद सुबियांतो को रक्षा प्रमुख नियुक्त किया था।

प्रबोवो ने अपने देश की जनता से किया है ये वादा

इंडोनेशिया के लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे जोको विडोडो को हराने वाले प्रबोवो सुबियांतो ने अपने देश की जनता से कई बड़े वादे किए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कई अरब डॉलर की लागत से नए राजधानी शहर का निर्माण करने, घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कच्चे माल के निर्यात पर अंकुश लगाने जैसी प्रमुख नीतियों को जारी रखने का वादा किया था। विडोडो द्वारा समर्थन दिए जाने और नीतियों को जारी रखने के वादे के बूते फरवरी के प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनाव में सुबियांतो ने भारी जीत हासिल की थी। इस तरह उन्होंने इंडोनेशिया के सैन्य तानाशाही के काले दिनों के दौरान मानवाधिकारों के हनन के आरोपी एक पूर्व जनरल से लेकर राष्ट्रपति बनने तक का सफर पूरा किया। (एपी)

 

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