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Hindi News विदेश एशिया कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके जिन्होंने जीता श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव, पीएम मोदी ने दी बधाई

कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके जिन्होंने जीता श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव, पीएम मोदी ने दी बधाई

श्रीलंका में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने वाला अनुरा कुमारा दिसानायके का जीवन गरीबी से गुजरा है। वह एक मजदूर के बेटे हैं। 2019 में भी उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था, मगर तब 3 फीसदी वोट हासिल हुए थे। इस बार 53 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किया है।

अनुरा कुमारा दिसानायके- India TV Hindi Image Source : AP अनुरा कुमारा दिसानायके

कोलंबोः श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके जीत गए हैं। 56 वर्षीय दिशानायके अब श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए अनुरा कुमारा दिसानायके को बधाई दी और कहा कि वह भारत-श्रीलंका के बीच बहुआयामी सहयोग को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।

बता दें कि मार्क्सवादी नेता दिसानायके को श्रीलंका के चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया है। मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के व्यापक मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता दिसानायके ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को हराया। मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए अनुरा कुमारा दिसानायके को बधाई। भारत की पड़ोस प्रथम नीति और विजन सागर में श्रीलंका का विशेष स्थान है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए हमारे बहुआयामी सहयोग को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।

कौन हैं दिसानायके

 वह एक वामपंथी नेता हैं। दिसानायके का जन्म श्रीलंका के थम्बुथेगामा में हुआ था। उनकी माता गृहिणी और पिता मजदूर थे। मगर दिसानायके मुश्किल परिस्थितियों में विश्वविद्यालय तक शिक्षा हासिल की। अपने स्कूल के समय में ही वह मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी (जेवीपी) में शामिल हो गए थे। 2004 में वह पहली बार श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंगा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। मगर 1 साल बाद ही सरकार और लिट्टे के बीच एक समझौते के विरोध में इस्तीफा दे दिया। 2014 में जेवीपी के नेता बनने के बाद 2019 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव लड़े। मगर तब सिर्फ 3 फीसदी वोट हासिल किया। इस बार 2024 में 53 फीसदी से ज्यादा मत हासिल कर राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच गए। 

 

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