नई दिल्लीः भारत वैसे तो समय-समय पर तमाम मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है, लेकिन इस बार कुछ बड़ा होने वाला है। जब से भारत ने आज होने वाले मिसाइल परीक्षण को लेकर ओडिशा के बालासोर में परीक्षण स्थल के आसपास के 10 हजार लोगों को विस्थापित किया है, तब से पाकिस्तान और चीन समेत पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। हर देश भारत में आज होने वाले इस मिसाइल परीक्षण पर बारीकी से नजर रख रहा है। इसकी एक वजह ये भी है कि भारत ने इस मिसाइल की प्रकृति और प्रकार को लेकर कोई भी खुलासा नहीं किया है। यह मिसाइल किस लिए होगी, क्या खासियत होगी, किस प्रकार की होगी...ऐसी तमाम जानकारियों को भारत ने गुप्त रखा है। इसलिए भी दुनिया इस पर नजर गड़ाए हुए है।
बालासोर के जिला प्रशासन ने आज बुधवार को किए जाने वाले मिसाइल परीक्षण से पहले 10 गांवों के 10,000 से अधिक लोगों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक रक्षा सूत्र ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में मिसाइल परीक्षण के लिए आवश्यक तैयारी भी पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण आईटीआर के प्रक्षेपण स्थल संख्या-3 से किया जाएगा। इस बीच, एक राजस्व अधिकारी ने बताया कि बालासोर जिला प्रशासन ने मिसाइल के परीक्षण से पहले प्रक्षेपण स्थल के 3.5 किलोमीटर के दायरे में बसे 10 गांवों के 10,581 लोगों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की है।
प्रभावित लोगों को मुआव्जा भी देगी सरकार
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सुरक्षा उपाय के तौर पर प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआव्जा देने के साथ ये व्यवस्थाएं की जा रही हैं।’’ राजस्व अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को निकटवर्ती अस्थायी आश्रय केंद्रों में सुचारू तरीके से स्थानांतरित करने के लिए जिला प्रशासन ने जिलाधिकारी आशीष ठाकरे और पुलिस अधीक्षक सागरिका नाथ की मौजूदगी में मंगलवार को एक तैयारी बैठक की। जिला प्रशासन ने इन गांवों के लोगों को बुधवार तड़के चार बजे तक अपने घर छोड़ने तथा परीक्षण समाप्त होने के बाद घोषणा किए जाने तक शिविर में ही रहने के लिए कहा है। अधिकारी ने बताया कि शिविर में आने वाले लोगों के लिए तय मुआवजा राशि उनके बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी।
जिला राजस्व अधिकारी ने बताया कि बालासोर जिला प्रशासन ने पास के विद्यालयों, बहुउद्देशीय चक्रवात पुनर्वास केंद्रों और अस्थायी तम्बुओं में लोगों के रहने की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिविर में लोगों की सहायता के लिए कम से कम 10 सरकारी अधिकारियों को तैनात किया गया है। साथ ही शिविरों में लोगों की सहायता के लिए पुलिस की 22 टुकड़ियां (एक टुकड़ी में नौ कर्मी) तैनात की गई हैं। (भाषा)
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