US on Pak Terrorism: जिस पाकिस्तान पर अमेरिका मेहरबान है और जिस पाकिस्तान पर वह लाखों करोड़ डॉलर पानी की तरह बहा रहा है। कभी एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के नाम पर... तो कभी बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर... तो कभी आतंकवाद से लड़ने के नाम पर। मगर अब ऐसा क्या हो गया कि जिस अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने और एफ-16 के रखरखाव के लिए हाल ही में 45 लाख करोड़ डॉलर की बड़ी धनराशि दी थी और बाइडन ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान को यह धनराशि आतंकवाद से लड़ने के लिए भी दी है, लेकिन अब उसी पाकिस्तान के आतंक से अमेरिका को डर लगने लगा है?
पाकिस्तानी आतंकियों और वहां के आतंकवाद से घबराए अमेरिका को अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह देनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने यात्रियों को थर्ड लेबल का अलर्ट भी जारी कर दिया है। ताकि अमेरिकी नागरिक पाकिस्तान की यात्रा कतई नहीं करें। अब सवाल यह है कि जब पाकिस्तान कुछ देशों के अनुसार आतंकी है ही नहीं तो अमेरिका को यह डर क्यों सता रहा है?...आइए सबसे पहले बताते हैं कि अमेरिका ने अपने नागरिकों को क्या कहा है?
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अमेरिका ने दी ये चेतावनी
अमेरिका ने अपने नागरिकों को आतंकवाद एवं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर पाकिस्तान, खासकर उसके अशांत प्रांतों की यात्रा की अपनी योजना पर पुनर्विचार करने का परामर्श दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी एक यात्रा परामर्श में अपने नागरिकों से आतंकवाद और अपहरण की घटनाओं के कारण बलूचिस्तान और पूर्व संघ शासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए) समेत खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत की यात्रा नहीं करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही बाइडन प्रशासन ने थर्ल लेबल का अलर्ट भी जारी किया है।
क्या है थर्ड लेबल अलर्ट
अमेरिका ने अपने नागरिकों को स्तर-तीन (थर्ड लेबल) का परामर्श जारी करते हुए कहा है कि आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा के कारण पाकिस्तान की यात्रा पर पुनर्विचार करें। कुछ इलाकों में खतरा बढ़ गया है। यहां आपको बता दें कि ‘स्तर-तीन’ की यात्रा चेतावनी तब जारी की जाती है, जब दीर्घकालिक या गंभीर स्थितियों के कारण यात्रियों और आगंतुकों की जान को जोखिम होता है और जब गैर-जरूरी यात्रा से बचा जाना जरूरी समझा जाता है।
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पाकिस्तानी आतंकी कर सकते हैं हमला
अमेरिका ने अपने नागरिकों को आतंकवाद और सशस्त्र संघर्ष की आशंका के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास के क्षेत्रों में भी यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। परामर्श में कहा गया है, “आतंकवादी बहुत कम या बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। वे परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटन स्थलों, स्कूलों, अस्पतालों, पूजा स्थलों और सरकारी सुविधाओं को निशाना बना सकते हैं। आतंकवादियों ने अतीत में अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक प्रतिष्ठानों पर हमले किए हैं। इसलिए अमेरिका पाकिस्तानी आतंकियों से बुरी तरह घबराया हुआ है। यानि अब अमेरिका यह बात मानने को मजबूर हुआ है कि पाकिस्तान में आतंक अधिक है। मगर हैरानी है कि इसके बावजूद वह पाकिस्तान की मदद करता रहता है। ताकि भारत पर मानसिक दबाव बना सके।
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