इस्लामाबाद: स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी समेत कई उपाधियों से सुशोभित और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर के निधन पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी शोक की लहर है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लता दीदी के निधन के बाद मातम पसर गया है और लोग अलग अलग अंदाज में लता दीदी को याद कर रहे हैं। उधर नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी महान गायिका लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया है और उनकी आवाज का जादू हमेशा बरकरार रहेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल चौधरी ने बीजिंग से उर्दू में शोक संदेश ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'लता मंगेशकर के निधन से संगीत के एक युग का अंत हो गया। लता ने दशकों तक संगीत की दुनिया पर राज किया और उनकी आवाज का जादू हमेशा बरकार रहेगा।' उन्होंने कहा, 'जहां भी उर्दू बोली और समझी जाती है, वहां लता मंगेशकर को अलविदा कहने वालों का हुजूम है।
पाकिस्तान के क्रूर तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया उल हक को अपने देश में महिलाओं की संगीत और अन्य कला प्रस्तुति पर प्रतिबंध लगाने के लिए जाना जाता है, लेकिन वह भी लता मंगेशकर की सुरीली आवाज के जादू से अछूते नहीं रह सके थे और उन्होंने एक बार खुद स्वीकार किया था कि वह भारत की ‘स्वर कोकिला’ का प्रशंसक हैं।
एक पुराने साक्षात्कार के अनुसार 1982 में दिवंगत भारतीय पत्रकार कुलदीप नैयर के साथ बात करते हुए जिया ने मंगेशकर की प्रशंसा की बात स्वीकार की थी। साक्षात्कार के दौरान नैयर ने जिया को यह कहकर ताना मारा कि भारतीय कहते हैं कि जब भी वे किसी सांस्कृतिक दल को पाकिस्तान ले जाना चाहते हैं तो पाकिस्तान में उसका स्वागत नहीं होता। ऐसे ही एक दल में लता मंगेशकर समेत कुछ प्रमुख महिला गायिकाएं शामिल थीं। उस समय पाकिस्तान के इस्लामीकरण की शुरुआत करने वाले जिया ने कहा था, ''मैं जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मुझे खुद लता मंगेशकर के गीत पसंद हैं, लेकिन अगर आप उन्हें गाने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहते हैं, तो मैं अभी इसे मना करुंगा, क्योंकि यह मौजूदा पाकिस्तानी भावना के अनुकूल नहीं है।''
जिया ने 1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने के बाद सैन्य तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी। उन्होंने अपने चुने हुए न्यायाधीशों के माध्यम से भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी की सजा दिलवाई थी। जिया ने पाकिस्तान के इस्लामीकरण की अपनी योजना के दौरान इस्लाम के नाम पर कई पाबंदियां लगाई थी, जिसमें महिला कलाकारों की प्रस्तुति पर पाबंदी भी शामिल थी। वह 1978 में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने थे और 1988 में विमान दुर्घटना में मारे जाने तक इस पद पर रहे थे।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने रविवार को लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि गायिका के गीतों ने सीमाओं को पार किया और ‘संगीत एक सार्वभौमिक भाषा है’ वाक्य को जीवंत कर दिया। राजपक्षे ने गायिका की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत की सुर कोकिला लता मंगेशकर की आत्मा को शांति मिले। दशकों तक मनोरंजन करने के लिए धन्यवाद, जिसने सीमाओं को पार किया और ‘संगीत एक सार्वभौमिक भाषा है’ वाक्य को जीवंत कर दिया।’’ प्रधानमंत्री राजपक्षे ने कहा, ‘‘उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उनकी स्मृति उनके संगीत के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।’’ श्रीलंका के मुख्य विपक्षी नेता सजिथ प्रेमदासा ने भी मंगेशकर के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। प्रेमदासा ने ट्वीट किया, ‘‘लता मंगेशकर वह किंवदंती हैं जिन्होंने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज से संस्कृतियों के बीच सेतु का निर्माण किया। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’’
बता दें कि, लता मंगेशकर (92) का रविवार को मुंबई स्थित एक अस्पताल में निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे। उन्हें आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम उनका इलाज कर रही थी। पाकिस्तान के सरकारी टीवी पर भी मंगेशकर के निधन की खबर प्रसारित हुई, जो सीमा के पार उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। (इनपुट-भाषा)
Latest World News