Green House Emissions: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को लेकर पूरी दुनिया को चेतावनी दी है। अगर इसका उत्सर्जन कम नहीं किया तो फिर खामियाजा पूरे विश्व को भुगतना पड़ सकता है। गुटरेस ने कहा है कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं मुख्य रूप से वातावरण में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुटेरेस ने शनिवार को पाकिस्तान के दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में देश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा के दौरान एक प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी की।
दक्षिण एशिया में ग्रीन हाउस उत्सर्जन से जा सकती है 15 गुना अधिक लोगों की जान
गुटरेस ने ग्रीन हाउस के खतरों को आगाह करते हुए कहा कि यह काफी खतरनाक होता जा रहा है। अगर ध्या नहीं दिया तो सबसे ज्यादा दक्षिण एशिया में रहने वाले लोग जलवायु प्रभावों से प्रभावित होंगे। इससे उनके मरने की संभावना 15 गुना अधिक है।
ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन से दुनिया की आधी आबादी को खतरा
गुटेरेस ने कहा कि लगभग आधी मानवता अब खतरे की इसी श्रेणी में है और इसका ज्यादातर हिस्सा विकासशील देशों में है। महासचिव ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से प्रभावित देशों के लिए ऋण राहत का एक नया तंत्र तैयार करने का आह्वान किया है। इससे पहले शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कार्बन उत्सर्जन पर शिन्हुआ को जवाब देते हुए, गुटेरेस ने विकसित दुनिया से सबसे अधिक प्रभावित विकासशील देशों को लचीलापन बनाने और परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए प्रभावी समर्थन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, यह उदारता की बात नहीं है। यह न्याय का मामला है।
गुटरेस ने मोहनजोदड़ों का किया दौरा
महासचिव गुटरेस ने शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य अधिकारियों के साथ पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांतों के बाढ़ प्रभावित हिस्सों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सिंध में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल मोहनजोदड़ो का भी दौरा किया, जो बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही उन्होंने सिंध और बलूचिस्तान में विस्थापित लोगों से भी मुलाकात की और बाढ़ की स्थिति व नुकसान का भी जायजा लिया।
क्या है ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु में परिवर्तन व अंततः भूमंडलीय ऊष्मीकरण व ग्रहों के वातावरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा नाइट्रस आक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मीथेन, वाष्प आदि होते हैं। इससे ओजोन का क्षरण होता है। कार्बन का उत्सर्जन ग्रीन हाउस इफेक्ट के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। पिछले 15 वर्षों में कार्बन का उत्सर्जन करीब 40 फीसद बढ़ गया है।
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