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Hindi News विदेश एशिया BRICS में पीएम मोदी-शी की बैठक के बाद क्या बोला चीन, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की है कितनी गुंजाइश?

BRICS में पीएम मोदी-शी की बैठक के बाद क्या बोला चीन, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की है कितनी गुंजाइश?

कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच संबंधों पर जमी बर्फ को पिघलने का संकेत दिया है। ब्रिक्स से इतर यह बैठक करीब 50 मिनट तक चली। इस दौरान भारत-चीन ने खास तौर पर एलएसी विवाद समेत अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी। - India TV Hindi Image Source : PTI चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी।

बीजिंगः रूस के कजान में चल रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बुधवार को पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद चीन ने बृहस्पतिवार को बड़ा बयान जारी किया है। चीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक ‘‘अत्यधिक महत्वपूर्ण’’ बताया है। चीन का कहना है कि दोनों नेता इस बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए ‘‘महत्वपूर्ण आम सहमति’’ पर पहुंचे हैं। यह द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का बड़ा संकेत है।

भारत-चीन के संबंधों में सुधार की गुंजाइश पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां संवाददताओं से कहा, ‘‘पीएम मोदी और शी जिनपिंग चीन-भारत संबंधों में सुधार और इन्हें विकसित करने पर महत्वपूर्ण आम सहमति पर पहुंचे हैं। इससे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास के पथ पर वापस लाने का मार्ग प्रशस्त किया गया है।’’ इस सवाल पर कि बीजिंग बैठक के नतीजे को कैसे देखता है, लिन ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से देखने और उसे आगे बढ़ने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।

चीन ने कहा मतभेदों को करेंगे दूर 

इस द्विपक्षीय बैठक के बाद लिन ने कहा कि चीन भारत के साथ अपने मतभेदों को दूर करेगा। साथ ही संचार और सहयोग बढ़ाने, पारस्परिक रणनीतिक विश्वास वृद्धि और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर विकास के पथ पर वापस लाने के लिए भी तैयार है। कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मिले मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त एवं सैनिकों की वापसी पर सोमवार के भारत-चीन समझौते का समर्थन किया। इसके बाद, विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को पुन: सक्रिय करने के निर्देश जारी किए गए, जो 2020 में एक घातक सैन्य झड़प से प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत है। (भाषा)

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