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PM नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि वाराणसी को SCO की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया

SCO Summit 2022: SCO 8 देशों की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं और इसका हेडक्वॉर्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है।

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Highlights

  • वाराणसी को SCO की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया
  • उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO की बैठक में शामिल हुए थे मोदी
  • वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि और लोकसभा सीट भी है

SCO Summit 2022: युगों से भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकी प्रस्तुत करने वाले पवित्र शहर वाराणसी को शंघाई सहयोग संगठन यानी कि SCO की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया है। SCO 8 देशों की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं और इसका हेडक्वॉर्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है। शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO के सदस्य देशों के नेताओं की 22वीं बैठक में 2022-2023 के लिए वाराणसी को संगठन की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया है।

Image Source : IndiaTVKashi Vishwanath Corridor

जानें किसलिए शुरू की गई है यह पहल

बता दें कि वाराणसी को 2022-23 के लिए SCO की सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी बनाया गया है। इस पहल के तहत हर साल बारी-बारी से सदस्य देश के किसी सांस्कृतिक विरासत वाले शहर को, जो अध्यक्षता करेगा, को यह खिताब दिया जाएगा ताकि उसका महत्व बढ़े। यह पहल 8 सदस्य देशों में लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है। सबसे पहले यह खिताब प्राचीन शहर वाराणसी को मिलना भारत के लिए गौरव की बात है। बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि भी है और वह यहां की लोकसभा सीट से सांसद हैं। 

सांस्कृतिक आदान-प्रदान का खुलेगा रास्ता

इसके तहत 2022-23 के दौरान वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें SCO के सदस्य देशों से मेहमानों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस तरह के आयोजन भारतविदों, विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों और कलाकारों, फोटो पत्रकारों, यात्रा ब्लॉगर्स और अन्य आमंत्रित अतिथियों को आकर्षित करेंगे। संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2021 में दुशांबे SCO शिखर सम्मेलन में इस बारे में नियम बनाए गए थे।

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