US President Joe Biden Saudi Arabia Visit: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार को सऊदी अरब पहुंचे। यहां सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने शाही महल में उनका जोरदार स्वागत किया। दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने 2018 में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मैंने बैठक की शुरुआत में खशोगी की हत्या का मामला उठाया था।
इसी के साथ उन्होंने इस विचार को खारिज किया कि वह सऊदी अरब के साथ अहम राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने की कोशिश के दौरान उसकी ओर से किए गए कथित मानवाधिकार उल्लंघन को नजरअंदाज कर रहे हैं। बाइडन ने कहा, "मैंने स्पष्ट कहा कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति होने के नाते, जो मैं हूं, मानवाधिकार के किसी मामले पर चुप रहना, उस पहचान से मेल नहीं खाता।" उन्होंने कहा, "मैं हमारे मूल्यों के लिए हमेशा खड़ा होऊंगा।"
खशोगी की हत्या को लेकर अमेरिकी खुफिया विभाग
अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि अमेरिका में रहने वाले लेखक खशोगी की चार साल पहले हत्या क्राउन प्रिंस सलमान के इशारे पर की गई थी। बाइडन ने कहा कि प्रिंस मोहम्मद ने दावा किया कि वह खशोगी की मौत के लिए 'व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार' नहीं हैं। राष्ट्रपति ने कहा, "मैंने संकेत दिया कि मुझे लगता है कि वह (जिम्मेदार) थे।"
अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों में आ गई थी दरार
इस हत्या ने सऊदी अरब के साथ संबंधों में सुधार करने के बाइडन के प्रयासों को बाधित किया है। जिस वक्त जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रचार कर रहे थे, उस समय उन्होंने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर सऊदी अरब की तीखी अलोचना की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने पिछले साल खशोगी की हत्या को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट जारी करने की मंजूरी दी थी। इस खुफिया रिपोर्ट में माना गया था कि युवराज सलमान ने संभावित तौर पर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करने की मंजूरी दी थी. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों में दरार आ गई थी।
तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर हत्या कर दी गई थी
गौरतलब है कि साल 2018 में 59 वर्षीय पत्रकार जमाल खशोगी की तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर हत्या कर दी गई थी। सऊदी अरब ने उस समय इसे एक घटना बताया था। दरअसल, सऊदी अरब के एजेंट खशोगी को वापस लाने के लिए गए थे। इस दौरान उनकी हत्या कर दी गई। वहीं, तब तुर्की सरकार ने आरोप लगाया था कि पत्रकार खशोगी की हत्या सऊदी सरकार के इशारे पर उनेक एजेंटों की ओर से की गई थी. इस हत्याकांड के बाद पूरी दुनिया में सऊदी अरब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था। हालांकि, सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पत्रकार की हत्या में उनका हाथ होने से इनकार कर दिया था।
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