भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार नए मुकाम पर पहुंच रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब दोनों देश एक दूसरे के स्ट्रैटेजिक पार्टनर हैं। अब यह रणनीतिक साझेदारी दुनिया को नई दिशा देने के लिए तैयार है। जून में पीएम मोदी की यूएस यात्रा के बाद भारत के प्रति अमेरिका के नजरिये में बड़ा बदलाव आया है। अमेरिका भारत पर पहले से अधिक भरोसा कर रहा है। लिहाजा वह इस दोस्ती को लंबे मुकाम तक ले जाना चाहता है। पीएम मोदी ने अमेरिका में कहा था कि एआइ यानि अमेरिका और इंडिया दुनिया का भविष्य हैं। ये दोनों देश आगामी समय में विश्व की दिशा और दशा तय करने वाले होंगे। पीएम मोदी के कथन के मुताबिक ही भारत और अमेरिका अब वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बड़ा रोल निभाने के मकसद से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमेरिकी सांसदों का डेलिगेशन देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मसले पर मुलाकात भी की है। अमेरिकी डेलिगेशन के साथ विदेश मंत्री की विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक वार्ता हुई है। अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की और भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने के तरीकों पर चर्चा की। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना और सांसद माइकल वाल्ट्ज प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। अमेरिकी सांसद मंगलवार को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए।
वैश्विक स्थिति और वैश्विक मुद्दों पर भारत-अमेरिका की नजर
युद्ध, महामारी, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंक जैसे कारकों से वैश्विक हालात तेजी से बदल रहे हैं। दुनिया में उथल-पुथल मची है। ऐसे में भारत और अमेरिका हर वैश्विक हलचल पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए दोनों देश रणनीति बना रहे हैं। जयशंकर ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘आज अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल के साथ अच्छी बातचीत हुई। खुशी है कि जब हमने स्वतंत्रता दिवस मनाया तो वे भी इसमें शामिल हो सके। भारत में चल रहे परिवर्तन, विशेषकर बेहतर प्रशासन के परिणामों पर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमृतकाल के लिए हमारी आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को साझा किया। साथ ही हमारी बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वैश्विक स्थिति और बहुपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हमारे सहयोग पर दृष्टिकोण साझा किया।’(भाषा)
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