India on Myanmar: भारत की सीमाओं पर दो ओर चीन और पाकिस्तान जैसे देश हैं, जिनसे हमेशा खतरा बना रहता है। इसे लेकर भारत ने अपनी सुरक्षा चाकचौबंद रखने की भरसक कोशिश की है। इसके अलावा म्यांमार से भी भारत की नॉर्थ ईस्ट की सीमा मिलती है। यहां भी हाल के समय में कई ऐसी गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे भारत चिंतित है। म्यांमार की तरफ वाली भारत की सीमा पर म्यांमार के सुरक्षा बलों और जुंटा विरोधियों के बीच चल रही लड़ाई भारत की चिंता का बड़ा कारण है। भारत की सीमा मेंर इस जंग के कारण बड़ी संख्या मिजोरम में म्यांमार के शरणार्थी घुसपैठ कर रहे हैं। सीमा पर इस अशांति भरे माहौल पर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारत ने चिंता जताई है।
म्यांमा सीमा पर अशांति के बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने सरकारी बलों और जुंटा विरोधी समूहों के बीच लड़ाई की पृष्ठभूमि में म्यांमा को अपनी सुरक्षा चिंताओं, विशेष रूप से शरणार्थियों के आगमन सहित सीमा पर पैदा हुई विभिन्न चुनौतियों से अवगत कराया है। भारत-म्यांमा सीमा के पास लड़ाई के कारण मिजोरम में म्यांमा के शरणार्थियों की घुसपैठ बढ़ गई है।
भारत ने म्यांमार से जताई अपनी चिंता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह मुद्दा बुधवार को नयी दिल्ली में आयोजित भारत-म्यांमा विदेश कार्यालय विचार-विमर्श में उठाया गया। भारत स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान और म्यांमा में लोकतंत्र की वापसी की अपील करता रहा है। बागची ने कहा, ‘हमने विशेष रूप से शरणार्थियों के आगमन, सीमा पर पैदा हुई चुनौतियों समेत सुरक्षा चिंताओं से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की।’ उन्होंने कहा, ‘बड़े परिप्रेक्ष्य में, हम हमेशा वहां शांति या समाधान या लोकतंत्र की वापसी को प्रोत्साहित करते रहे हैं।’
भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान में बढ़ गई थी चिंता
कुछ हफ्ते पहले तक भारत से लगी सीमा के पास कई प्रमुख कस्बों और क्षेत्रों में म्यांमा के जुंटा विरोधी समूहों और सरकारी बलों के बीच अशांति की स्थिति थी, जिससे शरणार्थियों के संभावित आगमन समेत विभिन्न तरह के प्रभाव को लेकर भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान में चिंता बढ़ गई थी। फरवरी 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज होने के बाद से म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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