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पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से निकलवाने में अमेरिका का हाथ! भारत की आजाद विदेश नीति से है खफा

ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि भारत की आजाद विदेश नीति से खफा अमेरिका ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकलवाने में पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई है।

Pakistan FATF News, Pakistan FATF, Pakistan FATF United States- India TV Hindi Image Source : FILE पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ।

Highlights

  • शहबाज शरीफ अपने देश को मिली इस राहत पर काफी खुश हैं।
  • पाकिस्तान के कई बड़े मंत्री पिछले दिनों अमेरिका जा चुके हैं।
  • अमेरिका निश्चित तौर पर पाकिस्तान से इस मदद की कीमत वसूलेगा।

United States helped Pakistan: पाकिस्तान 4 साल बाद FATF की ग्रे लिस्ट (FATF Grey List) से बाहर आ गया है। FATF आतंकवाद की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है। पाकिस्तान को लगभग 4 साल पहले FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनों में आतंकवाद और आतंकवादियों पर कुछ ज्यादा नकेल कस दी हो, लेकिन फिर भी उसका ग्रे लिस्ट से बाहर आना काफी कुछ कहता है। माना जा रहा है कि भारत की आजाद विदेश नीति से खफा अमेरिका ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकलवाने में पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई है।

'हमारी कुर्बानियों को दी गई है मान्यता'
पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर करने के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में इस दिशा में ईमानदार कोशिश की है। शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाया जाना आतंकवाद के खिलाफ जंग में उसके द्वारा दी गई कुर्बानियों को मान्यता देने के भी समान है। मैं अपनी सरकार और सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ उन सभी संस्थानों को बधाई देना चाहता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत के चलते आज हमें यह कामयाबी मिली है।'

Image Source : Fileअमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ।

खुश तो बहुत हैं शहबाज शरीफ, लेकिन...
जाहिर है कि शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) अपने देश को मिली इस राहत पर काफी खुश हैं, लेकिन इस खुशी की कीमत कितनी चुकानी पड़ेगी, फिलहाल इसका अंदाजा न उन्हें है और न पाकिस्तान की जनता को। पाकिस्तान के सेना प्रमुख समेत कई बड़े अधिकारियों और मंत्रियों ने पिछले दिनों लगातार अमेरिका का दौरा किया था, और इन दौरों पर FATF के मुद्दे पर भी बात जरूर हुई होगी। अमेरिका ने पाकिस्तान को FATF की ग्रेे लिस्ट से बाहर निकलने में मदद तो की है, लेकिन वह इसकी क्या कीमत वसूलेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

अमेरिका ने क्यों की पाकिस्तान की मदद?
पिछले कुछ महीनों के घटनाक्रमों को देखें तो भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में जिस तरह का स्टैंड लिया, उसने अमेरिका को खफा कर दिया है। ऐसे में वह किसी न किसी बहाने भारत को परेशान करना चाहता है। यही वजह है कि पिछले दिनों बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को F-16 के अपग्रेडेशन के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद दी, और भारत ने इस पर ऐतराज भी जताया। अमेरिका ने अब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलवाकर भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।

Image Source : Fileपाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान।

भारत पर होगा इस चालबाजी का असर?
विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका के इस कदम का उसे ही ज्यादा नुकसान होगा, भारत का कुछ खास नहीं बिगड़ेगा। पाकिस्तान एक डूबता जहाज है जो खुद की ही मुश्किलों से इतना घिरा है कि वह भारत पर ज्यादा तवज्जो नहीं दे पाएगा। हां, इतना जरूर होगा कि अब उसे पहले से ज्यादा आसानी से विदेशी फंडिंग मिल पाएगी। दूसरी तरफ अमेरिका भी भारत को बहुत ज्यादा नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकता, ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर लौट सकते हैं।

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