ढाका: संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश हिंसा में हुई सभी मौतों की जांच के लिए आदेश दिया है। यूएन के एक शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने बुधवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के अपदस्थ होने से पहले और इसके बाद हुई हिंसा के दौरान हुई सभी हत्याओं और अन्य मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की गहन जांच कराने का आह्वान किया। इससे बांग्लादेश की कार्यवाहक अंतरिम सरकार में खलबली मच गई है। हालांकि अंतरिम सरकार के कार्यवाहक और नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क की बुधवार को बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा संपन्न हुई। उनकी यात्रा ऐसे समय हुई है जब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश में व्यवस्था स्थापित करने की चुनौतियों से निपट रही है। हसीना जुलाई में छात्रों के नेतृत्व में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आंदोलन में बदल जाने के बाद पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गईं थीं। इस दौरान सैकड़ों छात्र, सुरक्षा अधिकारी और अन्य लोग मारे गए थे।
यूएन ने पहले भी भेजी थी टीम
बांग्लादेश में हिंसा के दौरान हुई मौतों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पहले भी टीम भेजी थी। यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र से जांच का अनुरोध करने के बाद तुर्क पहले ही हत्याओं की जांच के लिए एक तथ्य अन्वेषण टीम भेज चुके हैं। हसीना ने भी हत्याओं की जांच की मांग की थी। तुर्क ने देश के अल्पसंख्यक समूहों पर हमलों के आरोपों की गहन जांच की आवश्यकता को रेखांकित किया जिसमें हिंदू धार्मिक अल्पसंख्यक भी शामिल हैं। (भाषा)
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