Turkey Russia America: तुर्की कहने को तो अमेरिका के बनाए नाटो देशों के समूह का सदस्य है, लेकिन हाल के समय में जबकि रूस और यूक्रेन की जंग चल रही है, ऐसे में वह रूस का काफी मददगार बन गया है। तुर्की के इन पैंतरों से अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, युद्ध के कारण जब दुनियाभर में अनाज का संकट गहराया, तब तुर्की ने ही मध्यस्थता कराई। तब पश्चिमी देशों ने यह देखा कि तुर्की ने किस तरह रूस से मध्यस्थता कराकर यूक्रेन का अनाज दुनिया के अनाज संकट झेल रहे देशों तक पहुंचाया।
रूस और यूक्रेन जंग के बीच तुर्की और रूस में बढ़ी करीबी
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग लंबी खींच गई है। इसका खामियाजा यूरोप व अमेरिका के देश झेल रहे हैं। रूस ने तो यूरोप की तेल और गैस आपूर्ति ही ठप कर दी। इन सबके बीच जंग के दौरान तुर्की और रूस के बीच साझेदारी मजबूत हुई।
वो 3 वजह, जो बताती हैं कि कैसे तुर्की और रूस के रिश्ते अच्छे बने
अमेरिका की चिंता इस बात को लेकर है कि तुर्की नाटो समूह का सदस्य देश है। इसके बावजूद वह रूस से करीबी रिश्ता बना रहा है। इसे इन तीन कारणों से भी समझा जा सकता है कि उसने अपना हवाई क्षेत्र रूस के लिए बंद नहीं किया है। दूसरा यह कि रूस के लोगों को अपनी नकदी जमा कराने के लिए तुर्की ने अपने बैंकों में खाता खोलने की अनुमति दे दी है। तीसरा यह कि अमेरिका के नाटो देशों का सदस्य होने के बावजूद तुर्की ने अपने व्यापारिक संबंधों को रूस के साथ बढ़ाया है, जबकि नाटो के दूसरे सदस्य देशों ने अमेरिका के कहने पर रूस पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनका पालन किया है। इस तरह तुर्की ने रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को लगातार बढ़ाया है।
रूस भी तुर्की को दे रहा आर्थिक मदद
उधर, रूस से उसे भी फायदा मिल रहा है। रूस ने 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाले तुर्की के पहले एटॉमिक रिएक्टर के लिए धनराशि दी है। इसके अलावा अहम बात यह कि आंकड़ों के अनुसार पिछले दिनों की तुलना में रूस से तुर्की के निर्यात में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कई देशों ने रूस को सामान निर्यात करने में कटौती की है।
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