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कंगाल पाकिस्तान पर वज्रपात, सरकारी एयरलाइंस भी हुई खस्ताहाल, 11 विमानों को करना पड़ा सेवा से बाहर

कंगाल पाकिस्तान पर बढ़ती महंगाई का बुरा असर पड़ा है। आलम यह है कि पाकिस्तान में नकदी की तंगी से जूझ रही सरकारी एयरलाइन (PIA) के पास मशीन पार्ट्स को बदलने तक के लिए पैसा नहीं है। इस कारण 11 सरकारी विमान सेवा से बाहर हो गए हैं।

कंगाल पाकिस्तान पर वज्रपात, सरकारी एयरलाइंस भी हुई खस्ताहाल, 11 विमानों को करना पड़ा सेवा से बाहर- India TV Hindi Image Source : FILE कंगाल पाकिस्तान पर वज्रपात, सरकारी एयरलाइंस भी हुई खस्ताहाल, 11 विमानों को करना पड़ा सेवा से बाहर

Pakistan News: पाकिस्तान की हालत कंगाल है। देश की तिजोरी खाली हो चुकी है। हालत यह है कि पाकिस्तान को अमेरिका और दूसरे देशों में इपनी अचल संपत्तियों को गिरवी तक रखना पड़ रहा है, ताकि किसी भी तरह देश को चलाया जा सके। इसी बीच पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन विभाग से बुरी खबर आई है। पाकिस्तान की कंगाली की मार पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस पर भी पड़ी है। कई विमानों को सेवा से बाहर करना पड़ा है।

पाकिस्तान में नकदी की तंगी से जूझ रही सरकारी एयरलाइन (PIA) के पास मशीन पार्ट्स को बदलने तक के लिए पैसा नहीं है। इस कारण मजबूरन पाकिस्तान एयरलाइंस को अपने तीन बोइंग 777 सहित 11 विमानों को सेवा से बाहर करने पर मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के एक अधिकारी ने कहा कि शीर्ष प्रबंधन ने कंगाली के दौर में पिछले महज तीन सालों में 11 प्लेनों को परिचालन से बाहर कर दिया। क्योंकि एयरलाइन आर्थिक संकट से गुजर रही है। जबकि डॉलर सहित पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बढ़ती कीमत की वजह से कोई मदद नहीं मिल सकी।

खस्ताहाल सरकारी एयरलाइंस के पास पार्ट्स खरीदने के पैसे भी नहीं

PIA के अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मार्गों पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की तरफ से संचालित 31 में से 11 विमानों को परिचालन से बाहर कर कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डों पर खड़ा किया गया है। उन्होंने कहा, 'इकोनॉमिक क्राइसिस के कारण एयरलाइंस पिछले साल से पुर्जे खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, जिसके कारण धीरे-धीरे इन विमानों को परिचालन से बाहर कर दिया गया है।'

पाकिस्तान में पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने PIA में एक नया मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) नियुक्त किया था और सरकारी एयरलाइन के निजीकरण की अपनी योजना पेश की थी। अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन अभी उपलब्ध 20 विमानों के साथ अपना परिचालन जारी रख रही है, लेकिन इसका उड़ान कार्यक्रम प्रभावित हुआ है, वो भी खासकर घरेलू स्तर पर।

कर्ज के बोझ से बुरी तरह जकड़ा हुआ है पाकिस्तान

बता दें कि पाकिस्तान कर्ज के बोझ से बुरी तरह दबा हुआ है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सरकार का कर्ज अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया। चौंकाने वाली बात यह है कि सालाना आधार पर पाकिस्तान के कर्ज में 34.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है। वहीं कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है। 

हालत यह है कि पाकिस्तान से सुजुकी जैसी कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने हाथ समेट लिए हैं। कर्ज चुकाने के लिए भी पाकिस्तान को कर्ज की जरूरत पड़ रही है। जाहिर है इसका बुरा असर पाकिस्तान के अलग अलग सेक्टरों पर भी दिख रहा है। खस्ताहाल सरकारी एयरलाइंस भी इन्हीं में से एक है।

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