Pakistan Crisis: संयुक्त राष्ट्र के 'एजुकेशन कैन नॉट वेट' (ECW) ने पाकिस्तान में बाढ़ से उत्पन्न हुए आपातस्थिति और दीर्घ संकट में शिक्षा के लिए 50 लाख डॉलर का आपातकालीन अनुदान जारी करने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को ईसीडब्ल्यू के हवाले से कहा कि 12 महीने का निवेश सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में 80,000 से अधिक लड़कियों और लड़कों तक पहुंचेगा। ईसीडब्ल्यू निदेशक यासमीन शेरिफ ने कहा, "जलवायु संकट एक शिक्षा संकट है। इन विनाशकारी बाढ़ ने लोगों की जान ले ली है। 22,000 स्कूलों को तबाह कर दिया है और परिवारों को अलग कर दिया है।"
कई हजार स्कूल हुए खत्म
उन्होंने कहा, "हमें तेजी से कार्य करने की जरूरत है। ईसीडब्ल्यू और हमारे रणनीतिक साझेदार का उद्देश्य बच्चों को जल्द से जल्द स्कूल भेजना है। बाढ़ के कारण आई शिक्षा में बाधा को दूर करना है।" पाकिस्तान में मानसून की भारी बारिश के कारण पूरे देश में भयंकर बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आई हैं।ईसीडब्ल्यू ने कहा कि 1,400 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सरकार का अनुमान है कि 22,594 स्कूल क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं।
ईसीडब्ल्यू ने कहा कि बच्चों को औपचारिक और अस्थायी दोनों तरह से शिक्षण और सीखने की सामग्री प्रदान की जाएगी। शिक्षकों को उनके शिक्षण विधियों के लिए समर्थन दिया जाएगा। दुनियाभर में, 22.2 करोड़ संकटग्रस्त बच्चों और किशोरों को तत्काल शिक्षा सहायता की जरूरत है। ईसीडब्ल्यू और उसके सहयोगी विश्व के नेताओं से '222 मिलियन ड्रीम्स' अभियान के लिए तत्काल फंडिंग में कम से कम 1.5 अरब डॉलर प्रदान करने का आह्वान कर रहे हैं।
कई देशों ने दिया कर्ज
पिछले तीन दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहे पाकिस्तान को इस स्थिति से निपटने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय कर्जों के पुनर्भुगतान को फिलहाल रोकने के साथ ही कर्जों के पुनर्गठन के बारे में भी प्रयास करने की सलाह दी गई है। पाकिस्तान ने कई देशों से कर्जा लिया है। स्थानीय मीडिया में संयुक्त राष्ट्र ज्ञापन का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। पाकिस्तानी समाचारपत्र 'द डॉन' में शुक्रवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने पाकिस्तान सरकार के साथ साझा किए गए एक ज्ञापन में कहा है कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को कर्ज पुनर्गठन एवं पुनर्भुगतान के संबंध में अपने रुख को संशोधित करने की जरूरत है।
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