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अजीत डोभाल की रूस यात्रा पर पाकिस्तान में मची खलबली, पढ़िए क्या है पूरा मामला?

डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान मुश्किल दौर से गुजर रहा है और जरूरत की इस घड़ी में भारत अफगानिस्तान के लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान को 40,000 मीट्रिक टन गेहूं, 60 टन दवाइयां और पांच लाख कोविड टीके भेजकर उसकी मदद की है।

अजीत डोभाल की रूस यात्रा पर पाकिस्तान में मची है खलबली- India TV Hindi Image Source : FILE अजीत डोभाल की रूस यात्रा पर पाकिस्तान में मची है खलबली

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अफगानिस्तान के मुद्दे पर सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भाग लेने के लिए रूस गए। इस रूस दौरे और पुतिन से मिलने की पाकिस्तान में काफी चर्चा हो रही है। पाकिस्तान जो अफगानिस्तान के मुद्दे पर खुद को एक बड़ा स्टेकहोल्डर समझता है, इस बैठक से नदारद रहा। इस बारे में पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत बड़ी सावधानी से पाकिस्तान को अफगानिस्तान मामले में आइसोलेट यानी अलग थलग कर रहा है।

रूस ने हाल ही में राजधानी मॉस्को में अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए पांचवीं बैठक बुलाई। इस बैठक में चीन, भारत, ईरान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान सहित कई देशों को बुलाया गया था। भारत के एनएसए डोभाल ने बैठक में कहा कि अफगानिस्तान के लोगों की मानवीय जरूरतों को पूरा करना भारत की पहली प्राथमिकता है।

डोभाल ने कहा कि अफगानिस्तान मुश्किल दौर से गुजर रहा है और जरूरत की इस घड़ी में भारत अफगानिस्तान के लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान को 40,000 मीट्रिक टन गेहूं, 60 टन दवाइयां और पांच लाख कोविड टीके भेजकर उसकी मदद की है।

भारत ने अपने इस साल के बजट में भी अफगानिस्तान के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। भारत अफगानिस्तान में विकास कार्यों के लिए 2.5 करोड़ डॉलर देगा। अफगानिस्तान पर भारत के इस रुख ने पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

अलग थलग हो रहा पाकिस्तान, जानें क्या बोले विशेषज्ञ

पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 'अफगानिस्तान पर बात करने के लिए क्षेत्रीय देशों के एनएसए की यह पांचवीं बैठक थी। पाकिस्तान को इस बैठक में कितनी खूबसूरती से निकाल दिया गया। पाकिस्तान के उच्च अधिकारिक सूत्रों का भी कहना है कि पाकिस्तान में रूस में एनएसए की बैठक में इसलिए भाग नहीं लिया क्योंकि उसके पास कोई एनएसए ही नहीं है।वहीं, पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इस बैठक में भाग नहीं लेने का हमने इसलिए फैसला लिया क्योंकि हम समझते हैं कि पाकिस्तान अन्य दूसरे मंचों से अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए बेहतर योगदान दे सकता है।

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