G-20 में दुनिया भारत के डिजिटल स्वास्थ्य की मुरीद हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत का डिजिटल स्वास्थ्य दूसरे देशों के लिए मॉडल बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत जब जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है तो डिजिटल स्वास्थ्य पर उसका ध्यान देना दूसरे देशों के लिए मॉडल के तौर पर काम आ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के इस बयान ने कोविड के दौरान से लेकर अब तक डिजिटल स्वास्थ्य में हासिल की गई देश की उपलब्धियों पर मुहर भी लगाता है। इससे देश की शाख पूरी दुनिया में बढ़ी है।
यूनिसेफ स्वास्थ्य कार्यक्रम में डिजिटल स्वास्थ्य और सूचना प्रणाली इकाई की वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार एवं प्रमुख डॉ कारिन कलांडर ने कहा कि भारत के डिजिटल स्वास्थ्य प्रयासों को दूसरे देशों में लागू करने की कुछ अहम रणनीतियों में एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य रणनीति बनाना, एक सहायक नियामक तंत्र बनाना और सार्वजनिक-निजी साझेदारियां बनाना शामिल है। वह यहां जी-20 के स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक को संबोधित कर रही थीं। कारिन ने कहा, ‘‘डिजिटल स्वास्थ्य में भारत की सफलता का श्रेय सुनियोजित डिजिटल स्वास्थ्य रणनीति को दिया जा सकता है जो देश की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
भारत की धाक बढ़ी
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि ने कहा कि अन्य देश अपनी खुद की व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य रणनीतियां विकसित कर इसे लागू कर सकते हैं जो उनकी विशिष्ट स्वास्थ्य जरूरतों और लक्ष्यों पर आधारित हों।’’ बयान के अनुसार भारत के डिजिटल स्वास्थ्य प्रयासों का उद्देश्य वंचित और कमजोर वर्गों तक पहुंचकर समानता और समावेश पर ध्यान देना है। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल स्वास्थ्य क्रियान्वयन में भारत की सफलताओं और चुनौतियों से सीखना महत्वपूर्ण है।
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