दुनिया में कई नेता ऐसे हैं जो हमेशा अपनी कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं। अभी तक आप ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जैसे नेताओं का ही नाम सुना होगा। मगर अब उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव को भी कुर्सी से खासा प्रेम हो गया है। हालांकि अभी उनका राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 2026 तक शेष है, लेकिन अब वह 2040 तक इसी पद पर बने रहना चाहते हैं। लिहाजा वह संविधान में संशोधन के लिए प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।
मध्य एशियाई देश उज्बेकिस्तान के मतदाता रविवार को संविधान में संशोधन के लिए जनमत संग्रह के लिए मतदान कर रहे हैं। नए बदलावों में मानवाधिकार का वादा किया गया है, लेकिन साथ ही मौजूदा राष्ट्रपति के कार्यकाल को वर्ष 2040 तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। माना जा रहा है कि जनमत संग्रह में संविधान संशोधन को मंजूरी मिल जाएगी।
संविधान संशोधन के बाद दो बार और लड़ सकेंगे चुनाव
मतदान समाप्त होने से चार घंटे पहले ही केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बताया कि अब तक 62 प्रतिशत मतदान हो चुका है और वहीं जनमत संग्रह की मान्यता के लिए 50 प्रतिशत से अधिक मतदान होना आवश्यक है। प्रस्तावित बदलाव में राष्ट्रपति का कार्यकाल मौजूदा पांच साल से बढ़ाकर सात साल करना है जबकि दो कार्यकाल की सीमा को कायम रखने की व्यवस्था। हालांकि, राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव का दूसरा कार्यकाल है जो वर्ष 2026 में समाप्त होगा। संविधान संशोधन के बाद वह दो और कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ सकेंगे।
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