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TTP: पाकिस्तान में हो सकते हैं आतंकी हमले, सुरक्षा एजेंसियों ने किया अलर्ट

TTP: पाकिस्तान सरकार की कई बार टीटीपी के साथ वार्ता फेल हो जाने से मुश्किले बढ़ गई है। हाल ही में टीटीपी ने पाकिस्तान में आतंकी हमले की धमकी भी दी थी। इसके बाद से ही पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसिया चौकस हो गई थी।

TTP- India TV Hindi Image Source : AP TTP

Highlights

  • पहली बार टीटीपी के साथ बातचीत के बारे में खुलासा किया
  • आतंकवादी हमलों के बढ़ते खतरे पर अलर्ट जारी किया
  • देश के लोकल तालिबान ने खुली धमकी थी

TTP: बलूचिस्तान पुलिस ने गुरुवार को सुरक्षा अलर्ट जारी कर प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा पूरे प्रांत में संभावित हमलों की चेतावनी दी है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय पुलिस कार्यालय क्वेटा द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन ने झोब, किला सैफुल्ला, जियारत और लोरलाई सहित बलूचिस्तान के विभिन्न शहरों में हमले शुरू करने की धमकी दी है। पत्र में कहा गया है कि खतरे को देखते हुए पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क रहने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।

आतंकवादी हमलों की डर 
8 अक्टूबर को, पीपीपी सीनेटर रजा रब्बानी ने सार्वजनिक चिंता के एक मुद्दे पर, सीनेट की बैठक के दौरान अध्यक्ष सादिक संजरानी से आंतरिक मंत्री को टीटीपी के साथ शांति वार्ता की वर्तमान स्थिति के बारे में संसद और जनता को बड़े पैमाने पर विश्वास में लेने का निर्देश देने के लिए कहा। रब्बानी ने बताया कि जब पहली बार टीटीपी के साथ बातचीत के बारे में खुलासा किया गया तो संसद को बोर्ड पर ले जाने का आह्वानन किया गया था। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़े मामले की मांग बहरे कानों पर पड़ी यानी नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि समूह के साथ संघर्षविराम की शर्तों और बातचीत की स्थिति के बारे में किसी को नहीं पता। इससे पहले, आंतरिक मंत्रालय ने हाल ही में टीटीपी के साथ बातचीत टूटने के बाद समूह या उसके गुटों द्वारा आतंकवादी हमलों के बढ़ते खतरे पर अलर्ट जारी किया।

पाकिस्तान को पहले ही मिल चुकी धमकी 
पाकिस्तान की सेना को खून के आंसू बहाने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) यानी देश के लोकल तालिबान ने खुली धमकी थी। टीटीपी ने कहा था कि पाकिस्तान की सरकार और सेना शरिया कानून में बताए गए रास्ते पर नहीं चल रहे हैं। पाकिस्तान की सेना, न्यायपालिका और राजनेताओं ने शरिया कानून के बजाय संविधान को लागू किया है। बता दें पाकिस्तान के वरिष्ठ मौलवियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए अफगानिस्तान पहुंचा था लेकिन वार्ता असफल हो गया। पाकिस्तान के वरिष्ठ मौलवियों का यह प्रतिनिधिमंडल शांति समझौते को लेकर टीटीपी के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए गया था लेकिन पाकिस्तान आर्मी ने हाल ही में टीटीपी के दो कंमाडर को मार गिराया था जिसके के कारण टीटीपी ने पाकिस्तान से खफा हो गया था। 

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