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इमरान के गले की फांस बनेगा तहरीक-ए-तालिबान? कहा- बहुत हुआ, अब शुरू होंगे हमले

एक ऑडियो संदेश में मुफ्ती नूर वली महसूद ने सीजफायर के खात्मे का ऐलान करते हुए लड़ाकों से कहा कि वे रात 12 बजे के बाद हमले शुरू कर दें।

Tehreek-i-Taliban Pakistan, Taliban Pakistan, Taliban Pakistan Imran Khan- India TV Hindi Image Source : AP तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने सीजफायर को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है।

Highlights

  • तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इमरान खान की सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
  • तहरीक-ए-तालिबान ने अपने लड़ाकों से रात 12 बजे के बाद हमले जारी रखने का आदेश दे दिया है।
  • पाकिस्तान की सरकार और तहरीक-ए-तालिबान के बीच सीजफायर 9 नवंबर को लागू हुआ था।

इस्लामाबाद: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इमरान खान की सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एक महीने से चल रहे सीजफायर को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। TTP के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान सरकार द्वारा क्षेत्र में जारी उथल-पुथल को कम करने की कोशिशों को करारा झटका लगा है। डॉन न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इसके साथ ही तहरीक-ए-तालिबान ने अपने लड़ाकों से रात 12 बजे के बाद हमले जारी रखने का आदेश दे दिया है।

‘अब सीजफायर आगे बढ़ाना नामुमकिन है’
गुरुवार को टीटीपी द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार न सिर्फ दोनों पक्षों के बीच हुए फैसलों को लागू करने में नाकाम रही बल्कि इसके विपरीत सुरक्षाबलों ने डेरा इस्माइल खान, लक्की मारवात, स्वात, बाजौर, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान में छापेमारी की, हमारे लड़ाको को हिरासत में लिया और उनकी हत्या की। टीटीपी ने कहा, ‘ऐसे हालात में सीजफायर आगे बढ़ाना नामुमकिन है।’ एक ऑडियो संदेश में मुफ्ती नूर वली महसूद ने सीजफायर के खात्मे का ऐलान करते हुए लड़ाकों से कहा कि वे रात 12 बजे के बाद हमले शुरू कर दें।

9 नवंबर को लागू हुआ था सीजफायर
पाकिस्तान की सरकार और टीटीपी के बीच सीजफायर 9 नवंबर को लागू हुआ था। अपने आडियो संदेश में मुफ्ती नूर ने कहा कि टीटीपी को न तो सरकार और न ही मध्यस्थों की तरफ से कोई सूचना मिली, इसलिए अब आधी रात के बाद उनके लड़ाकों के पास कहीं भी हमले करने का हक है। टीटीपी ने कहा कि इससे पहले समझौते में कहा गया था कि इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (IEA) मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा, और एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

इमरान सरकार के लिए बड़ा झटका
बता दें कि पाकिस्तान की धरती अक्सर तहरीक-ए-तालिबान के हमलों से दहलती रही है। टीटीपी मुल्क में अक्सर हमलों को अंजाम देती रहती थी, और अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद इसमें काफी तेजी देकने को मिली थी। सीजफायर के बाद टीटीपी द्वारा हिंसा में काफी गिरावट आ गई थी। हालांकि अब तहरीक-ए-तालिबान का ताजा ऐलान इमरान खान सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान टीटीपी के कोप का शिकार हो सकता है।

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