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महिलाओं के प्रति नरम रुख अपनाएगा तालिबान! इस काम के लिए फिर दे सकता है अनु​मति

अफगानिस्तानी तालिबानियों ने महिलाओं को कंधार में फिर काम शुरू करने की अनु​मति देने पर विचार करने की बात कही है। अफगानिस्तान के एक बड़े सहायता संगठन के प्रमुख ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

महिलाओं के प्रति नरम रुख अपनाएगा तालिबान! इस काम के लिए फिर दे सकता है अनु​मति- India TV Hindi Image Source : FILE महिलाओं के प्रति नरम रुख अपनाएगा तालिबान! इस काम के लिए फिर दे सकता है अनु​मति

Afghanistan News: अफगानिस्तान में जब से तालिबानी सरकार ने सत्ता संभाली है, महिलाओं के अधिका​रों पर कुठाराघात लग गया है। चाहे महिला रेडियो को बंद करने की बात हो, महिला शिक्षा की बात हो, तालिबानी फरमान हमेशा से ही अफगानिस्तान की महिलाओं के हित से परे ही रहे हैं। इन सबके बीच अफगानिस्तानी तालिबानियों ने महिलाओं को कंधार में फिर काम शुरू करने की अनु​मति देने पर विचार करने की बात कही है। 

पिछले दिसंबर में लगा दी थी रोक

अफगानिस्तान के एक अहम सहायता संगठन के प्रमुख ने गुरुवार को बताया कि तालिबान, अफगान महिलाओं को देश के धार्मिक और राजनीतिक केंद्र कंधार के दक्षिणी प्रांत में एजेंसी में काम फिर से शुरू करने की अनुमति देने पर विचार करने पर सहमत हो गया है। इससे पहले अफगानिस्तान में ​तालिबानियों ने पिछले दिसंबर में अफगानी महिलाओं के लिए गैर सरकारी संगठनों में काम करने पर रोक लगा दी थी। 

इसलिए लगा दी थी गैर सरकारी संगठनों में काम करने पर रोक

तालिबान ने यह कदम कथित तौर पर महिलाओं के हिजाब सही ढंग से नहीं पहनने या पुरुषों और महिलाओं के बैठने की अलग व्यवस्था न होने के मदेदनजर उठाया था। अप्रैल में, उन्होंने कहा कि प्रतिबंध अफगानिस्तान में यूनाइटेड नेशन के कार्यालयों और एजेंसियों में भी लागू कर दिया गया है। हालांकि स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे कुछ क्षेत्रों में छूट है। 

काबुल और कंधार में हुई तालिबानियों से चर्चा

नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के महासचिव जेन एगलैंड ने राजधानी काबुल और कंधार में अधिकारियों से चर्चा की,जिससे कि संगठन की महिला कर्मियों पर लगे बैन को वापस लेने के लिए मनाया जा सके। एगलैंड ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि 'हमारे पास एक अस्थायी व्यवस्था पर तत्काल बातचीत शुरू करने का एक समझौता है जो हमारी महिला सहयोगियों को कंधार में महिलाओं और अन्य लोगों के साथ काम करने में सक्षम बनाएगा। अगर हमें कंधार में छूट मिलती है, तो हम इसे अन्य जगह दोहराने में सक्षम हो सकेंगे।' 

अफगानिस्तान में जब से तालिबानी हुकूमत आई है, विकास के रास्ते  पर चलने की बजाय अफगानी जनता के मूलभूत अधिकारों के साथ ही तालिबानियों ने छेड़खानी ही की है। इस पर यूएन ने भी तालिबान को समझाइश दी, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा।

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