भारत के पड़ोसी देश में महिलाओं की आबरू अब बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। विभिन्न कार्यस्थलों पर पुरुष उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बना रहे हैं। विरोध करने पर विभिन्न तरह से उनके साथ लैंगिक हिंसा कर रहे हैं। इससे महिलाओं और लड़कियों में दहशत फैल गई है। संयुक्त राष्ट्र भी इन घटनाओं से चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र की सख्ती के बाद महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम सरकार उन्हें जेल में भेज रही है। सरकार का कहना है कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हिंसा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उन्हें जेल में रखा जा रहा है। मामला अफगानिस्तान से जुड़ा है, जहां तालिबानियों का शासन है।
तालिबान के अधिकारी अफगान महिलाओं को लैंगिक हिंसा से बचाने के लिए उन्हें जेल में भेज रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। वर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान में 23 सरकारी महिला सुरक्षा केंद्र थे, जिनमें लैंगिक आधार पर हिंसा की शिकार महिलाएं शरण ले सकती थीं। फिलहाल ऐसा कोई केंद्र नहीं है। तालिबान के नेतृत्व वाले प्रशासन के अधिकारियों ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन को बताया कि ऐसे किसी शरण केंद्र की कोई जरूरत नहीं है।
जिन लड़कियों और महिलाओं के घर पुरुष नहीं, उन्हें ज्यादा खतरा
जिन महिलाओं और लड़कियों के घर में रहने के लिए उनके परिवार में कोई पुरुष नहीं है, उन्हें ज्यादा दुष्कर्म और हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर किसी महिला के साथ रहने के लिए कोई पुरुष संबंधी नहीं है या पुरुष संबंधी के साथ रहना असुरक्षित है तो तालिबान उन महिलाओं को जेल में भेज रहा है। अधिकारियों ने पुरुष संबंधियों से यह वादा करने या शपथ लेने के लिए भी कहा है कि वे अपनी महिला संबंधी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। (एपी)
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