ताइपे: एक आम कटोरी की कीमत कितनी होती होगी 100 रुपये या अधिक से अधिक महंगा हो तो उसकी कीमत 1000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर 4.5 इंच से कम की आकार की कोई कटोरी अगर 2.5 करोड़ डॉलर यानी लगभग 2 अरब रुपये में बिके जाए तो। यह सुनकर आपके भी कान खड़े हो गए ना। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इतनी छोटी सी कटोरी में ऐसी क्या खास बात है जो इसकी कीमत 2 अरब रुपये है। दरअसल यह कटोरी कोई आम कटोरी नहीं है। इस कटोरी की नीलामी के दौरान इसे बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। क्योंकि यह कटोरी 18वीं शताब्दी की है। इस कटोरी को योंगझेंग सम्राट के समय बनवाया गया था। बता दें कि योंगझेंग सम्राट थे जिन्होंने चीन पर 1722 से 1735 तक शासन किया था।
कटोरी पर कलाकृतियां
यह कटोरी फलंगकाई नाम की एक परंपरा का भाग है जिसे दुनियाभर में इसके रंग और रूप के लिए जाना जाता है। शनिवार के दिन इस कटोरी की नीलमी करीब 200 करोड़ रुपये में कर दी गई है। कटोरी का रंग सफेद है। इस कटोरी पर कमाल की आकृति बनाई गई है जिसमें दो पक्षी दिख रहे हैं, खिलता हुआ खुबानी की पेड़ और एक विलो पेड़ दिख रहा है। बता दें कि इस कटोरी की डिजाइन में वानली सम्राट की द्वारा शुरू की गई एक कविता का भी अंश है।
पहले भी हो चुकी है नीलामी
सिरेमिक विशेषज्ञ रेजिना क्राल की मानें तो योंगझेंग के शासन काल के दौरान पक्षियों और फूलों की विशेषता अत्यधिक लोकप्रिय थी। उनके मुताबिक खास तरह की सिरेमिक बर्तन पर की गई पेंटिंग की योंगझेंग शासन काल का प्रतिनिधित्व करता है। इस तरह के डिजाइन आज के समय में बेहद कम देखने को मिलते हैं। उनके मुताबिक ताइवन के पैलेस संग्रहालय में इस तरह के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। इस तरह के दो कटोरे थे जो साल 1929 में अलग हो गए ते। वर्तमान कीमत के हिसाब से उस दौरान इस कटोरे को 7.7 लाख रुपये में बेचा गया था।
सुराही की कीमत 1.37 अरब
बता दें कि इस तरह की कई बेशकीमती एंटिक्स को भी पहले बेचा गया है। घड़ियां, हैंडबैग और विंटेज वाइन भी नीलाम किए गए हैं। वहीं एक ऐतिहासिक वस्तु और है जिसकी नीलमी मोटे दाम में की गई है। दरअसल इस नीलामी में एक सुराही की कीमत 1.37 करोड़ डॉलर लगी है। भारतीय रुपये में यह कीमत 1.12 अरब रुपये है। यह सुराही नीले और सफेद रंग की है।
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