Saudi Arab-Iran: सुन्नी देश सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान दोस्ती की नई इबारत लिख रहे हैं। दोनों देशों में पिछले दिनों दोस्ती हुई थी। इससे पहले दोंनों देश एक दूसरे के दुश्मन थे और एकदूसरे को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। लेकिन बीजिंग में चीन ने दोनों देशों की मध्यस्थता करते हुए मुलाकात करवाई। इसके बाद से ही दोनों दोस्त बन गए हैं।
सऊदी अरब और ईरान अपनी अपनी राजधानी और अन्य शहरों में राजनयिक मिशन को फिर से खोलने पर सहमत हो गए हैं। ईरान की अर्ध.सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में एक समझौता बृहस्पतिवार को बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुआ। समझौते में दोनों देशों के बीच उड़ानों को फिर से शुरू करने की संभावना का अध्ययन करने और दोनों देशों के नागरिकों के लिए वीजा प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने की भी बात की गई है। सऊदी अरब और ईरान लंबे समय से क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी रहे हैं लेकिन पिछले महीने चीन की मध्यस्थता के बाद वे सुलह की ओर बढ़ रहे हैं।
सउदी अरब और ईरान की दोस्ती
दुनिया के दो सबसे बड़े शिया और सुन्नी मुल्क ने चीन में दोस्ती का हाथ मिला लिया। शिया बहुल देश ईरान और सुन्नी मुल्क सऊदी अरब की दोस्ती ने अरब देशों की डिप्लोमेसी के समीकरण भी बदल दिए हैं। वहीं इस दोस्ती ने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि जो काम अमेरिका न कर सकाए वो चीन ने कर दिखाया। ईरान से अमेरिका के संबध लंबे समय से तनावपूर्ण हैं। वहीं पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के दौरे के बाद रियाद और वॉशिंगटन के रिश्तों में भी खटास आ गई थी। ऐसे में चीन ने अमेरिका को पसंद न करने वाले दोनों मुस्लिम देशों को की दोस्ती कराकर कई संदेश दिए हैं।
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