Suez Canal: मिस्र की स्वेज नहर में छिछले पानी में तेल का एक टैंकर फंस गया, जिससे कुछ समय के लिय वैश्विक जलमार्ग बाधित रहा। हालांकि बाद में पोत को वहां से निकाल लिया गया। नहर के अधिकारियों की ओर से यह जानकारी दी गई। स्वेज नहर अथॉरिटी के प्रमुख ओसामा रेबी ने एक बयान में बताया कि ‘एफिनिटी वी’ पोत पर सिंगापुर का झंडा लगा था। वह बुधवार को नहर में फंस गया था। प्राधिकरण की पांच नौकाओं (टग बोट्स) को उसे वहां से निकालने के लिए भेजा गया।
पांच घंटे की मशक्कत के बाद निकल सका जहाज
उन्होंने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण पोत नहर के किनारे से टकरा गई थी। स्वेज नहर प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने सरकार से संबद्ध न्यूज एजेंसी को बताया कि पोत स्थानीय समयानुसार करीब सवा सात बजे नहर में फंस गया था और करीब पांच घंट बाद वापस सामान्य स्थिति में आगे की यात्रा के लिये लौट सका। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार स्वेज नहर से मात्रा के हिसाब से दुनिया का करीब 12 प्रतिशत व्यापार होता है। लेकिन जहाजों के जरिए माल ढुलाई के दैनिक परिवहन के आधार पर इसकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है। इस लिहाज से यह यूरोप और एशिया के बीच व्यापार के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है। साल 2020 में नहर से करीब 19,000 जहाज गुजरे थे।
नहर में इसी साल मार्च महीने में 7 दिनों तक फंसा रहा था जहाज
कैनाल में जहाज के फंसने से लोग इसलिए घबरा गए क्योंकि पिछले साल मार्च में इसी तरह का एक मालवाहक जहाज नहर में फंस गया था जिसने पूरी दुनिया की चिंता को बढ़ा दिया था। लाल सागर और भूमध्य सागर के बीच स्थित स्वेज कैनाल में एवर गिवेन नाम का जहाज सात दिनों तक फंसा रहा था जिससे जलमार्ग बाधित हो गया था और सैकड़ों जहाज पानी में फंस गए थे। इस जहाज के फंसने से सात दिनों तक ट्रैफिक जाम लग गया था, तब बड़ी मशक्कत के बाद उसे निकाला जा सकता था। इससे वहां फंसे कई देशों के जहाजों की वजह से कई देशों को नुकसान उठाना पड़ा था।
यूरोप और एशिया के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है स्वेज नहर
इस घटना के बाद अथॉरिटी ने जलमार्ग के दक्षिणी हिस्से को गहरा और चौड़ा करने पर काम शुरू कर दिया था, जहां एवर गिवेन फंस गया था। स्वेज नहर दुनिया के कई देशों के लिए बहुत अहम नहर है। यूरोपीय देशों का सामान एशिया तक लाने के लिए अफ्रीका का पूरा चक्कर न लगाना पड़े, इसलिए स्वेज नहर सामरिक द्ष्टि से काफी फायदेमंद रही है।
Latest World News