India-Srilanka:गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धना ने कई भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ मुलाकात में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और नए क्षेत्रों में निवेश करने की जरूरत पर बल दिया है। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि गुणवर्धना ने गत बृहस्पतिवार को भारतीय सीईओ फोरम के श्रीलंका खंड के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें निवेश और व्यापार बढ़ाने के लिए कहा।
इस मुलाकात में गुणवर्धना ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों के सहयोग एवं समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि ये कंपनियां नकदी की किल्लत से जूझ रहे इस देश में नया निवेश लाकर, रोजगार पैदा कर और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों के रूप में योगदान देकर मदद कर रही हैं। आईसीएफ के इस प्रतिनिधिमंडल में वाहन, बैंकिंग, सीमेंट, एफएमसीजी, ईंधन, आतिथ्य, अवसंरचना, लॉजिस्टिक, पैकेजिंग, पेंट एवं फार्मा क्षेत्र की कंपनियों के अधिकारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई टी एस प्रकाश ने की।
श्रीलंका में पर्यटन को भी बढ़ावा देने की पहल
प्रकाश ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के नए क्षेत्रों में निवेश के अनुरोध पर कहा कि आईसीएफ ने व्यापार एवं निवेश के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए ‘शाइन श्रीलंका’ मंच की शुरुआत के साथ एक नई पहल की है। उन्होंने कहा कि इस मंच के जरिये श्रीलंका में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा मिलने की व्यापक संभावनाएं हैं। इस मुलाकात के दौरान गुणवर्धना ने अपनी सरकार की तरफ से श्रीलंका की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। श्रीलंका साल की शुरुआत से ही गहरे आर्थिक एवं वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और उसे जरूरी चीजों की खरीद के लिए भी भारत जैसे सहयोगी देश की मदद लेनी पड़ी है।
श्रीलंका का हमेशा मददगार रहा है भारत
इसमें कहा गया है कि श्रीलंका में हमारी 3.5 अरब डॉलर की द्विपक्षीय विकास सहयोग परियोजनाएं चल रही हैं। श्रीलंका के लोग भी प्रमुख भारतीय संस्थानों में उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं। श्रीलंका के साथ हमारे घनिष्ठ और लंबे समय से चले आ रहे सहयोग के ये पहलू भी श्रीलंका की मौजूदा आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों में योगदान करेंगे। भारत इस साल अपने दक्षिणी पड़ोसी देश को सबसे अधिक मदद करने वाला देश रहा है। संकटग्रस्त श्रीलंका को भारत सरकार की सहायता इस साल जनवरी से अबतक लगभग 4 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। श्रीलंका और आईएमएफ ने सितंबर की शुरुआत में लगभग 2.9 अरब डॉलर के ऋण के लिए एक प्रारंभिक समझौता किया।
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