कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अभूतपूर्व आर्थिक संकट के समाधान के लिये अंतरिम सरकार के गठन पर सहमति जतायी है। एक वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु ने यह दावा किया है। सरकार के पास महत्वपूर्ण सामान के आयात के लिये पैसा खत्म होने, जरूरी सामान के दामों के आसमान छूने और ईंधन, दवाएं व बिजली आपूर्ति की भारी किल्लत के खिलाफ नौ अप्रैल से श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
राजपक्षे ने रविवार को शक्तिशाली बौद्ध भिक्षुओं को लिखे पत्र में अंतरिम सरकार बनाने की मंशा जाहिर की। मेडागोडा धम्मानंद पीठ के एक मुख्य रजिस्ट्रार ने कहा कि 4 अप्रैल को चार बौद्ध पीठों के मुख्य भिक्षुओं की ओर से लिखे गए एक पत्र का जवाब देते हुए राजपक्षे ने यह मंशा जाहिर की है। भिक्षुओं ने अपने पत्र में राजपक्षे से कैबिनेट भंग कर एक अंतरिम सरकार बनाने के लिये कहा था।
डेली मिरर अखबार की खबर के अनुसार कुछ दिन पहले बौद्ध भिक्षुओं की देखरेख और विनियमन करने वाले उच्च पदस्थ बौद्ध भिक्षुओं ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, विपक्ष के नेता और सभी सांसदों से देश को व्यवस्थित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया था। हालांकि इस बारे में राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इनपुट-भाषा
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