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Hindi News विदेश एशिया Sri Lanka New Pm: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे हैं नए श्रीलंकाई PM दिनेश गुणवर्धने, मुंबई के आर्थर रोड जेल में रहे थे बंद

Sri Lanka New Pm: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के बेटे हैं नए श्रीलंकाई PM दिनेश गुणवर्धने, मुंबई के आर्थर रोड जेल में रहे थे बंद

Sri Lanka New Pm: श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने के परिवार का भारत से गहरा रिश्ता रहा है। गुणवर्धने के पिता फिलिप गुणवर्धने ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। फिलिप गुनावर्धने को श्रीलंका में समाजवाद के जनक के रूप में जाना जाता है।

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Highlights

  • 20 जुलाई को हुआ था श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव
  • सांसदों ने रानिल विक्रमसिंघे को चुना था राष्ट्रपति
  • देश छोड़कर भाग गए थे पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे

Sri Lanka New Pm: श्रीलंका में आया राजनीतिक तूफान कुछ थमता नजर आ रहा है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ग्रहण कर ली। जिसके बाद नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान भी हो गया। 72 साल के दिनेश गुणवर्धने नए प्रधानमंत्री बनाए गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को पीएम पद की शपथ ली। इससे पहले गुणवर्धने गोटबाया-महिंदा सरकार में विदेश मामलों और शिक्षा मंत्री थे। 

श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने के परिवार का भारत से गहरा रिश्ता रहा है। गुणवर्धने के पिता फिलिप गुणवर्धने ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। फिलिप गुनावर्धने को श्रीलंका में समाजवाद के जनक के रूप में जाना जाता है। फिलिप गुनावर्धने का भारत के प्रति प्रेम बड़ा ही विख्यात रहा था। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए 1920 के दशक में लड़ाई की शुरुआत की थी। इस काम में उनकी पत्नी मे भी बखूबी साथ दिया था।

जयप्रकाश नारायण और वीके कृष्ण मेनन के सहपाठी 

फिलिप गुणवर्धने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में जयप्रकाश नारायण और वीके कृष्ण मेनन के सहपाठी रह चुके थे। उन्होंने अमेरिकी राजनीतिक हलकों में साम्राज्यवाद से स्वतंत्रता की वकालत की। बाद में लंदन में भारत की साम्राज्यवाद विरोधी लीग का नेतृत्व भी किया। बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके परिवार का भारत से घनिष्ठ संबंध रहा है। पूरे गुणवर्धने परिवार का भारत समर्थक झुकाव है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में फिलिप गुणवर्धने के बलिदान की तारीफ की थी। नेहरू तब कोलंबो दौरे के समय फिलिप के घर भी पहुंचे थे। आजादी के आंदोलन में उनके योगदान के लिए व्यक्तिगत रूप से परिवार को धन्यवाद भी दिया था।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत में ली थी शरण

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान श्रीलंका तत्कालीन सीलोन से भागने के बाद प्रधानमंत्री के पिता फिलिप और मां कुसुमा ने भारत में शरण ली थी। वे उन भूमिगत कार्यकर्ताओं में शामिल हो गए थे, जो आजादी के लिए लड़ रहे थे और कुछ समय के लिए गिरफ्तारी से बच गए थे। 1943 में उन दोनों को ब्रिटिश खुफिया विभाग ने पकड़ लिया था। कुछ समय के लिए उन्हें बॉम्बे की आर्थर रोड जेल में रखा था। हालांकि एक साल बाद फिलिप और उनकी पत्नी को वापस श्रीलंका भेज कर दिया गया और आजादी के बाद ही रिहा किया गया।

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