कोलंबो: श्रीलंका की संसद ने एक ऐसा विवादास्पद ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक बना दिया है, जिससे बवाल मच गया है। विपक्ष इस मामले में सरकार की जबरदस्त आलोचना कर रहा है। इससे सरकार भी असहज हो गई है। बता दें कि श्रीलंकाई सरकार ने ऑनलाइन सामग्री को विनियमित करने के लिए बृहस्पतिवार को एक विवादास्पद विधेयक का अनुमोदन किया, वहीं विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए दावा किया है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करेगा।
संसद के संचार कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि स्पीकर महिंदा यापा अबेयवर्धने ने हस्ताक्षर कर विधेयक को प्रमाणित किया। अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर, इस विधेयक को प्रमाणित न करने की मांग के बावजूद स्पीकर ने इस पर हस्ताक्षर किया। संसद ने पिछले सप्ताह संशोधनों के साथ इस विधेयक को मंजूरी दी थी। नए कानून से ऑनलाइन सुरक्षा आयोग की स्थापना होगी जिसे अपराधों पर दंडात्मक निर्णय लेने की शक्तियां दी गई हैं। ऑनलाइन मंचों पर झूठे बयान देने के दोषी पाए जाने पर अधिकतम पांच साल की कैद या अधिकतम पांच लाख श्रीलंकाई रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विपक्ष ने लगाया ये आरोप
इस विधेयक की कड़ी आलोचना की गई और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करने वाला बताया गया है। विपक्ष ने एशियाई इंटरनेट गठबंधन (एआईसी) का हवाला देते हुए तर्क दिया कि यह विधेयक विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेगा। विपक्ष ने सत्ता में आने पर इसे निरस्त करने का भी वादा किया। एआईसी ने कहा था कि प्रस्तावित कानून बड़ी चुनौतियां पेश करता है जिसका अगर हल नहीं किया गया तो श्रीलंका की डिजिटल अर्थव्यवस्था की संभावित वृद्धि प्रभावित हो सकती है। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने विधेयक के कुल 57 उपबंधों में से कम से कम 31 में संशोधन करने का फैसला सुनाया था। (भाषा)
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