Sri Lanka: श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल शनिवार को हटा लिया। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक महीने के अंदर दूसरी बार छह मई की मध्यरात्रि आपातकाल लागू किया था।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा है कि शुक्रवार मध्यरात्रि से आपातकाल हटा लिया गया है। देश में कानून-व्यवस्था में सुधार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। श्रीलंका में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हाल के समय में तो श्रीलंका अपने सबसे ख़राब आर्थिक दौर से गुजर रहा है। खाने-पीने की चीजों के अलावा पेट्रोलियम और गैस की क़ीमत लगातार बढ़ रही है। पिछले कई महीनों से देश में महंगाई दर दहाई अंकों में हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद श्रीलंका का संकट कहीं ज़्यादा गहराया है।
देश में 16-16 घंटों तक बिजली की कटौती हो रही है। एटीएम खाली पड़े हुए हैं और पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। श्रीलंका पेट्रोल, डीजल गैस से लेकर चीनी तक,अधिकतर चीज़ें आय़ात करता है और यह सब फ़िलहाल बाधित है.
श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के मुताबिक कोरोना संक्रमण की शुरुआत के समय देश में मंहगाई दर पांच फीसदी से थोड़ा ज़्यादा थी जो फरवरी, 2022 तक 18 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी ज़्यादा रही। ज़रूरी सामानों की सप्लाई सीमित है। लिहाजा मांग बढ़ने की वजह से महंगाई भी बढ़ रही है।
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