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Hindi News विदेश एशिया Sri Lanka Crisis: मुसीबत में श्रीलंका को आई 'भगवान श्री राम' की याद, भारतीय उच्चायुक्त से मिले वरिष्ठ अधिकारी, बताया इन 52 जगहों का क्या करेंगे?

Sri Lanka Crisis: मुसीबत में श्रीलंका को आई 'भगवान श्री राम' की याद, भारतीय उच्चायुक्त से मिले वरिष्ठ अधिकारी, बताया इन 52 जगहों का क्या करेंगे?

साल 2017 में एक रिसर्च की गई थी, जिसमें 50 जगहों का रामायण से जुड़ा होने का दावा किया गया। इसी रिसर्च में ये भी कहा गया कि रावण का मृत शरीर पहाड़ी पर बनी इस गुफा के अंदर है। इसमें कहा गया कि श्रीलंका के रागला के जंगलों में चट्टान जैसी पहाड़ी है।

Ramayana Sri Lanka- India TV Hindi Image Source : TWITTER Ramayana Sri Lanka

Highlights

  • पर्यटन उद्योग में सुधार करेगा श्रीलंका
  • रामायण से जुड़े स्थानों पर होगा काम
  • सबसे अधिक पहुंचे भारतीय पर्यटक

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के नवनियुक्त पर्यटन दूत और क्रिकेट खिलाड़ी सनत जयसूर्या ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारतीय पर्यटकों के लिए रामायण से जुड़े स्थलों की यात्रा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा ये द्वीपीय राष्ट्र आर्थिक सुधार के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहता है। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान जयसूर्या ने सोमवार को कोलंबो में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले से मुलाकात की। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'श्रीलंका के नवनियुक्त पर्यटन ब्रांड एंबेसडर, क्रिकेट के दिग्गज सनत जयसूर्या ने आज उच्चायुक्त से मुलाकात की। बैठक भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सुधार के लिए एक माध्यम के रूप में पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी।'

ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए जयसूर्या ने मंगलवार को कहा कि मुलाकात के लिए सहमत होने पर बागले का धन्यवाद। उन्होंने ट्वीट किया, 'हम भारतीय पर्यटकों के लिए रामायण से जुड़े स्थलों की यात्रा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।' श्रीलंका में रामायण से जुड़े 52 स्थल हैं। श्रीलंका इस वक्त भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते यहां पर्यटन भी ठप पड़ा है। इस साल मई महीने में भारत की ओर से श्रीलंका के पर्यटन सेक्टर में सबसे अधिक योगदान दिया गया है। यहां 5562 पर्यटन पहुंचे हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर ब्रिटेन है, जहां के 3723 लोग श्रीलंका घूमने गए। भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं से संबंधित विरासत के आदान-प्रदान के लिए वर्ष 2008 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

श्रीलंका में रावण की गुफा

साल 2017 में एक रिसर्च की गई थी, जिसमें 50 जगहों का रामायण से जुड़ा होने का दावा किया गया। इसी रिसर्च में ये भी कहा गया कि रावण का मृत शरीर पहाड़ी पर बनी इस गुफा के अंदर है। इसमें कहा गया कि श्रीलंका के रागला के जंगलों में चट्टान जैसी पहाड़ी है। गुफा इसी पहाड़ी के भीतर है और रावण का शव आज भी यहां सुरक्षित रखा है। ये रिसर्च श्रीलंका के रामायण रिसर्च सेंटर और पर्यटन विभाग ने संयुक्त रूप से की थी। रिसर्च में दावा किया गया कि रावण इस गुफा में जाकर तपस्या करता था। ऐसा कहा गया कि ये गुफा रागला में आठ हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है, जहां रावण का शव है।

चीन के आगे भारत का साथ दिया

श्रीलंका आर्थिक संकट के वक्त चीन से मदद की आस लगाए बैठा था, उसी चीन ने उसकी मदद नहीं की। वहीं भारत ने बढ़ चढ़कर श्रीलंका का साथ दिया। यही वजह है जब चीन अपना जासूसी वाला जहाज श्रीलंका भेज रहा था, तब भारत के इसपर ऐतराज जताने के बाद श्रीलंका ने चीन से कहा कि वह इस जहाज की यात्रा को स्थगित कर दे। जिससे चीन आगबबूला हो गया। श्रीलंका द्वारा रणनीतिक हंबनटोटा बंदरगाह पर उच्च तकनीक वाले एक चीनी अनुसंधान जहाज की निर्धारित यात्रा को स्थगित करने की बात कहे जाने के बाद यहां चीन के दूतावास ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक की मांग की है। चीनी अनुसंधान जहाज 'युआन वांग 5' को 11 से 17 अगस्त तक हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकना था।

पिछले महीने दी गई थी मंजूरी

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पांच अगस्त को कोलंबो स्थित चीनी दूतावास से कहा, 'मंत्रालय अनुरोध करना चाहता है कि हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज ‘युआन वांग 5’ के आगमन को मामले पर आगे का मशविरा होने तक स्थगित कर दिया जाए।' सूत्रों ने यहां बताया कि कोलंबो में चीनी दूतावास ने श्रीलंकाई विदेश मंत्रालय से इस तरह का संदेश मिलने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए श्रीलंका के उच्च अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक की मांग की। लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय ने बैठक को लेकर मीडिया में आईं खबरों का खंडन किया। श्रीलंका में सियासी घमासान के बीच 12 जुलाई को तत्कालीन सरकार ने हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी जहाज को रुकने की मंजूरी दी थी। चीन अवसंरचना में निवेश के साथ श्रीलंका का प्रमुख ऋणदाता है। दूसरी ओर, भारत मौजूदा आर्थिक संकट में श्रीलंका की जीवनरेखा रहा है।

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