Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने वित्त मंत्रालय की कमान खुद अपने हाथों में ले ली है। श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री ने बड़ा कदम उठाया है। समाचार एजेंसी न्यूजवायर के मुताबिक पीएम विक्रमसिंघे ने वित्त मंत्री के रूप में शपथ ले ली है। इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सोमवार को आठ और मंत्रियों को इसमें शामिल किया था, लेकिन किसी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं की थी। श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था से उबरने के लिए श्रीलंकावासियों को नए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री विक्रमसिंघे से काफी उम्मीदें हैं।
दरअसल श्रीलंका में मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 33.8 फीसदी पहुंच गई है। इसके साथ ही अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति भी 45.1 फीसदी के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। देश में ज़रूरी सामानों की भारी किल्लत को देखते हुए मुद्रस्फीति में यह तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है। इस बीच सरकार ने पेट्रोल की खुदरा कीमत में 24.3 फीसदी और डीजल की कीमत में 38.4 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है।
बता दें, श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है जिसकी वजह से देश आयातित अनाज और ईंधन के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। इससे देश में जरूरी सामानों की घोर किल्लत हो गई है और कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।
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