Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बुधवार को सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंचत गए। इधर गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भागे, उधर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया कि उनको श्रीलंका से निकालने में भारत ने मदद की है। मामल बढ़ता देख कर श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट करते हुए कहा, "भारतीय उच्चायोग स्पष्ट रूप से उन तमाम मीडिया रिपोर्टों को खारिज करता है जिसमें कहा जा रहा है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को देश से बाहर निकलनें में मदद की है।" अब खबर आ रही है कि राष्ट्रपति के देश छोड़ने का बाद अब श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि श्रीलंका की वायुसेना का एक विमान गोटाबाया राजपक्षे और उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को लेकर श्रीलंका से बाहर मालदीव पहुंच गया है। श्रीलंका की वायुसेना के एक संक्षिप्त बयान में कहा गया है कि सरकार के अनुरोध पर संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूरी तरह से मिली स्वीकृति के बाद ही उन्हें उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके एयरपोर्ट से मालदीव एक श्रीलंकाई वायुसेना के विमान में भेजा गया है।
जेल से बचने के लिए राजपक्षे ने देश छोड़ा
राष्ट्रपति रहते हुए उन्हें विशेष अधिकार मिला हुआ है जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। लेकिन जब वे इस्तीफा दे देंगे तो उसके बाद यह तय है कि पब्लिक के दबाव में उन्हें जेल जाना पड़ सकता था। इसी से बचने के लिए वे देश छोड़कर भाग गए हैं। उधर, श्रीलंका एयर फोर्स ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि राष्ट्रपति को दिए गए अधिकारों के तहत रक्षा मंत्रालय से मंजूरी लेने के बाद गोटाबाया राजपक्षे को विमान उपलब्ध कराया गया था। यही विमान उन्हें लेकर मालदीव गया।
राजपक्षे के खिलाफ लोगों में गुस्सा
देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण लोगों में राजपक्षे के खिलाफ गुस्सा है। कुछ दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद से गोटाबाया के नेवल शिप पर छिपे होने की खबरें आ रही थीं। इमिग्रेशन अफसरों ने यह जानकारी दी है कि राजपक्षे, उनकी पत्नी और बॉडीगार्ड के साथ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ने वाले सैन्य विमान एंटोनोव32 में बैठे थे। अफसरों के मुताबिक, राजपक्षे का विमान पड़ोसी देश मालदीव में उतरा है। इससे पहले भी राजपक्षे परिवार ने देश छोड़ने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
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