Sri Lanka Crisis: आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका में बिगड़े हालातों के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ग्रहण कर ली। इसके बाद से ही प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति सचिवालय और गॉल फेस ग्रीन इलाके में सेना ने प्रदर्शनकारियों पर एक्शन लिया है। आधी रात के बाद तकरीबन 2 बजे दोनों जगह से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया। इस दौरान विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ सख्ती की गई। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। ये प्रदर्शनकारी हाल के समय में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति के प्रेसीडेंट हाउस छोड़कर जाने के बाद भवन में ही घुस गए थे। देश में भी जगह जगह प्रदर्शन हो रहे थे।
राष्ट्रपति के सचिवालय का हिस्सा खाली कराना चाहते थे प्रदर्शनकारी
इन प्रदर्शनकारियों ने कल ही इस बात का फैसला किया था कि वे आज दोपहर 2 बजे तक खुद ही राष्ट्रपति के सचिवालय के अगले हिस्से को खाली कर देंगे। लेकिन आधी रात 2 बजे अचानक भारी तादाद में सेना के जवान वहां पहुंचे और उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी। गॉल फेस ग्रीन इलाके में जहां प्रदर्शनकारियों ने तम्बू लगा रखे हैं, उन्हें भी हटाया जा रहा है।
राष्ट्रपति सचिवालय की ओर पहुंचने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों के तंबुओं को हटाया गया, देखें वीडियो
सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर देर रात कार्रवाई की गई। सशस्त्र बलों द्वारा कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर और गाले फेस पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों के तंबुओं को हटाया गया।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे पर कानून व्यवस्था बहाल करने की है चुनौती
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 साल के विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। उनके सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने तथा महीनों से चल रहे व्यापक प्रदर्शनों के बाद कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है।
कैबिनेट को आज दिलाई जाएगी शपथ
रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के मंत्रिमंडल को आज शुक्रवार को शपथ दिलायी जाएगी। मंत्रिमंडल में राजपक्षे परिवार के करीबी दिनेश गुणेवर्दना समेत वही नेता शामिल किए जाएंगे, जो विक्रमसिंघे के कार्यवाहक राष्ट्रपति रहने के दौरान कैबिनेट के सदस्य थे। गुणेवर्दना को अगला प्रधानमंत्री चुना गया है। बताया गया है कि राष्ट्रीय सरकार पर सहमति बनने तक पिछला मंत्रिमंडल काम करता रहेगा और इसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।
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