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अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुआ सैन्य अभ्यास, उत्तर कोरिया ने कह दी बड़ी बात

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव जगजाहिर है। ऐसे में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने सैन्य अभ्यास शुरू किया है। सैन्य अभ्यास को लेकर उत्तर कोरिया की ओर से आक्रामक प्रतिक्रिया देखने को मिली है।

South Korea and America start Military Drills- India TV Hindi Image Source : AP South Korea and America start Military Drills

सियोल: परामाणु संपन्न उत्तर कोरिया के खिलाफ अपनी साझा रक्षा क्षमताओं को पुख्ता करने के मकसद से अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने सोमवार को व्यापक सैन्य अभ्यास शुरू किया। इसके मद्देनजर उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दोनों मित्र राष्ट्रों पर आरोप लगाया है कि वो हमले तैयारी के तहत पूर्वाभ्यास कर रहे हैं। यह वार्षिक ग्रीष्मकालीन अभ्यास कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है। उत्तर कोरिया के हथियारों का प्रदर्शन करने के जवाब में जैसे को तैसा की तर्ज पर अमेरिका-दक्षिण कोरिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है।

अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने क्या कहा

यह अभ्यास उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक बयान जारी करने के कुछ घंटों बाद शुरू हुआ। बयान में उत्तर कोरिया ने दोहराया कि इस तरह के अभ्यास ‘‘आक्रामकता के लिए उकसाने वाले युद्धाभ्यास हैं।’’ संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने संयुक्त अभ्यासों को रक्षात्मक प्रकृति का बताया और उत्तर कोरिया के उभरते खतरों से निपटने के लिए हाल के वर्षों में दोनों देशों ने अपने प्रशिक्षण का विस्तार और उन्नयन किया है। 

29 अगस्त तक चलेगा सैन्य अभ्यास

अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के बयान पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड अभ्यास’ 29 अगस्त तक चलेगा जो 11 दिवसीय होगा। इसके तहत ‘कंप्यूटर-सिम्युलेटेड वार गेम’ और ‘लाइव-फायर’ अभ्यास सहित 40 से अधिक प्रकार के अभ्यास किये जाएंगे। इस अभ्यास में लगभग 19 हजार दक्षिण कोरियाई सैन्यकर्मी हिस्सा लेंगे, लेकिन अमेरिका ने अभ्यास में भाग लेने वाले अपने सैनिकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।

बढ़ा है अमेरिका और दक्षिण कोरिया का गठजोड़

यहां यह भी बता दें कि, इससे पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त परमाणु प्रतिरोध दिशानिर्देश पर हस्ताक्षर किए थे। उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरे की आशंका के मद्देनजर प्रतिरोध को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इसे अहम और बुनियादी कदम बताया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने  इसे ‘जबरदस्त प्रगति’ करार दिया था। यहां यह जानना भी जरूरी है कि दक्षिण कोरिया के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है। (एपी) 

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