सिंगापुरः गाजा में इजरायली हमले में रोजाना दर्जनों लोग मारे जा रहे हैं। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। ऐसे में सिंगापुर दुखी हो गया है। लिहाजा उसने इजरायल-फलस्तीन संघर्ष के सभी पक्षों से गाजा में मानवीय आधार पर युद्धविराम समझौता करने और सभी बंधकों को बिना शर्त तत्काल मुक्त किए जाने का आग्रह किया है। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने इजरायली संसद के उस हालिया कानून को लेकर भी ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की, जो संयुक्त राष्ट्र फिलस्तीनी शरणार्थी एजेंसी ‘यूएनआरडब्ल्यूए’ को इजरायल और कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम में काम करने से प्रतिबंधित करता है।
इजरायल की ओर से यह कानून 28 अक्टूबर को पारित किया गया था। उन्होंने चिंता जताई कि इससे ‘‘गाजा और उसके बाहर लोगों को राहत पहुंचाने से जुड़े संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के आवश्यक कार्य में बाधा उत्पन्न होगी।’’ बालाकृष्णन ने स्थानीय परमार्थ संस्था ‘रहमतान लिल आलमीन फाउंडेशन’ (आरएलएएफ) द्वारा संयुक्त राष्ट्र की बाल कल्याण एजेंसी यूनिसेफ को 7,00,000 सिंगापुर डॉलर की धनराशि सौंपे जाने के लिए आयोजित समारोह से पहले कहा, ‘‘सिंगापुर यूनिसेफ, यूएनआरडब्ल्यूए और अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के काम की सराहना करता है, जिन्होंने गाजा में जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और निभा रहे हैं।’’
सभी पक्षों से की अंतरराष्ट्रीय कानून पालन करने की अपील
‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने मंत्री के हवाले से कहा, ‘‘हम सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने का आग्रह करते हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि हम इन एजेंसियों के अधिकारियों का सम्मान करें और उनकी सुरक्षा करें। इनमें से कुछ एजेंसी के कर्मी हताहत भी हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि सिंगापुर इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के सभी पक्षों से गाजा में मानवीय आधार पर युद्धविराम समझौता करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को बिना शर्त तत्काल मुक्त करने का आग्रह करता है। (भाषा)
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